49 साल से तैर कर अपने घर पहुंचते थे ग्रामीण , फिर खुद से बनाए पुल से अब बदल रही जिंदगी

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By PR Desk

रितेश रंजन

कटिहारः वक्त बदला, ताज बदली पर नहीं बदला बरारी लक्ष्मीपुर गांव के किसानों की तकदीर। पिछले 49 वर्षों से बरारी लक्ष्मीपुर गांव के जीरो माइल के लोग चिकनी कुंड घाट से तैर कर खेत खलियान तक जाते थे, परेशान ग्रामीण पहले तो अपने प्रतिनिधियों से लगातार गुहार लगाई मगर कोई राह नहीं निकलते देख श्रमदान और खुद के ही आर्थिक सहयोग से चचरी पुल का निर्माण कर लिया है।

 फिलहाल लगभग पांच हज़ार आबादी बहुल इस इलाके के लोग चचरी कनेक्शन के सहारे पहले से बेहतर है जिंदगी जी रहे हैं। लोगों के माने तो बरसात के मौसम में चिकनी कुंड धार से तैर कर जाना उन लोगों का नसीब बन चुका था,ऐसे में महिलाएं और बच्चे को लेकर काफी परेशानी होती थी। जिसके बाद यहां के लोगों ने चचरी पुल बनाने का फैसला किया। आज यह चचरी पुल ही गांव के लोगों के लिए जिंदगी के लिए नया रास्ता तैयार कर रहा है।

जनप्रतिनिधियों से मिली निराशा

गांव के लोगों ने बताया कि समस्या के स्थायी निदान के लिए लगातार वे लोग प्रशासन और अपने जनप्रतिनिधि को अवगत करवाते रहें मगर कोई निदान नहीं निकला। अब नाराज ग्रामीण अगर इस पर कोई ठोस निदान नहीं निकलता है अगामी विधानसभा में वोट बहिष्कार की बात भी कह रहे हैं। फिलहाल ग्रामीणों के  सहयोग से बने चचरी पुल के सहारे लोग कुछ राहत भरी जिंदगी जी रहे हैं।

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