NEWSPR डेस्क। पटना बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इसी महीने के चौथे सप्ताह में शीतकालीन सत्र आहूत किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से सदन संचालन से जुड़े अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गए हैं। सियासी जानकारों की मानें, तो इस बार सदन में जमकर हंगामा होगा। हंगामे का कारण बिहार विधानसभा चुनाव की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम होंगे। उपचुनाव में बीजेपी और महागठबंधन दोनों में से किसी को जीत मिलती है, तो हंगामा जरूर होगा।
नवंबर के अंतिम सप्ताह में सत्र
उधर, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आहूत करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। राज्यपाल की सहमति से राज्य सरकार तारीखों पर विचार करेगी। वहीं विधानसभा से जुड़े सूत्रों की मानें, तो विधानसभा सचिवालय इसी महीने के अंतिम सप्ताह में शीतकालीन सत्र आहूत करेगा। इसे लेकर तैयारियां शुरू है। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन कर लिया गया है। गुरुवार को हुई इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय कक्ष में सभी पदाधिकारियों को बुलाया गया था और सत्र आयोजन को लेकर विशेष चर्चा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने की बैठक
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से स्वच्छता और साफ-सफाई को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये गए हैं। सदन के अंदर माइक की व्यवस्था को सही करने के अलावा विधानसभा के नये भवन को जोड़ने वाले मार्ग में स्थायी शेड के निर्माण का भी आदेश दिया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि महागठबंधन उपचुनाव को लिटमस टेस्ट मानकर चल रहा है। महागठबंधन को उम्मीद है कि दोनों सीटों पर राजद के उम्मीदवार जीत दर्ज करेंगे। वहीं उपचुनाव में हुई कम वोटिंग को लेकर सियासी दलों में चर्चाओं का बाजार गरम है। बीजेपी का कहना है कि दोनों सीटों से बीजेपी के उम्मीदवार क्लीन स्वीप कर रहे हैं।
हंगामा तो बरपेगा !
उसके अलावा, सदन में बेगूसराय में हुए गोलीकांड के अलावा राज्य में बढ़ते अपराध का मुद्दा भी उठेगा। साथ ही बीजेपी गोपालगंज प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता के ऊपर शराब तस्करी और शराब माफिया से जुड़े होने के आरोप पर हंगामा कर सकती है। साथ ही बिहटा और आस-पास के इलाकों में हो रहे बालू के अवैध खनन का मामला भी सदन के पटल पर रखा जाएगा। सियासी जानकारों की मानें, तो बीजेपी सदन चलने देने के मूड में नहीं दिख रही है। बीजेपी ने मुद्दों की लिस्ट तैयार कर रखी है, उसे लेकर हंगामा जरूर होगा।
नये विधायकों का शपथ ग्रहण
वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष ने साफ किया है कि सदन के अंदर सदस्यों की सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। सभी पदाधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है कि सदन के नियमानुसार संचालन में अपनी भूमिका सुनिश्चत करें। नवंबर के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने वाले इस सत्र को लेकर आस-पास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाएगी। वहीं उपचुनाव में जीते हुए उम्मीदवारों का शपथ ग्रहण भी कराया जाएगा।