NEWSPR डेस्क। पटना बिहार का स्वास्थ्य मंत्रालय का भार संभालते ही तेजस्वी यादव ने ताबड़तोड़ सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच और एनएमसीएच का औचक निरीक्षण किया। तेजस्वी ने निरीक्षण कर यह दिखाने की कोशिश की थी कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर वह काफी गंभीर है। लेकिन उनके औचक निरीक्षण के बाद भी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी डॉक्टर की लापरवाही सामने आई। इसके अलावा राज्य के अन्य जिला अस्पतालों में भी मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने की खबरें आने लगी। अब खगड़िया की घटना के बाद तेजस्वी यादव पूरी तरह से बीजेपी के निशाने पर आ चुके हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर कई आरोप लगाए हैं।
अस्पतालों से गायब डॉक्टरों को वेतन कैसे मिल रहा: सुशील मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव 60 दिन में न जिला अस्पतालों को सुधार पाएं, न उन 705 डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई हुई, जिन्हें कई साल से ‘गायब’ बताया गया है। सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों से गायब डॉक्टरों को अब तक वेतन कैसे मिल रहा है? उन्होंने यह भी पूछा कि सभी राशनकार्डधारी मरीजों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की जो घोषणा की गई थी, उसका क्या हुआ?
तेजस्वी के पास समीक्षा तक की फुर्सत नहीं : सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि जब डेंगू का प्रकोप चरम पर था, तब तेजस्वी यादव ने औचक निरीक्षण कर एक डॉक्टर को सस्पेंड किया, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा तक नहीं की। मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिये गए। उन्होंने कहा कि खगड़िया में बिना एनेस्थीसिया दिये महिला का बन्ध्याकरण ऑपरेशन किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता और दुर्दशा, दोनों की गंभीरता बताने के लिए काफी है। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि जिला अस्पतालों में दवा, जांच, डॉक्टर की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं को दो माह में ठीक करने का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ।
‘महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य सेवाएं बद से बदतर’
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य सहित आधा दर्जन प्रमुख विभागों का मंत्री बना दिया है। वे किसी विभाग को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उनके पास फुर्सत नहीं है और तकलीफ जनता को झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में जन-कल्याण से सीधे जुड़े स्वास्थ्य विभाग की हालत बद से बदतर हो रही है। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि न जिला अस्पतालों की दशा सुधरी, न 705 डॉक्टरों पर कार्रवाई ही हुई।