NEWSPR डेस्क। नवादा बिहार में सरकार ने लाखों शिक्षकों की बहाली की है। उन शिक्षकों में हजारों ऐसे शिक्षक भी बहाल हो गए हैं, जिन्होंने सरकार के सामने फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये हैं। नौकरी की लालच में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए ये शिक्षक बहाल हो गए। उसके बाद राज्य सरकार ने शिक्षकों के प्रमाण-पत्र की जांच शुरू की। सरकार ने पाया कि हजारों शिक्षकों ने गलत सूचना देकर नौकरी ज्वाइन की है। उसके बाद कार्रवाई शुरू हो गई। अब तक सैकड़ों शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं, हजारों शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच चल रही है। इसी कड़ी में नवादा पुलिस ने एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया है।
शिक्षिका गिरफ्तार
नवादा पुलिस ने आरोपी शिक्षिका को नालंदा से गिरफ्तार किया है। पुलिस की कार्रवाई के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। आरोपी शिक्षिका नालंदा जिले के नूरसराय थाना क्षेत्र के विवाह गांव की उषा कुमारी बताई जा रही है। जिसकी गिरफ्तारी बिहारशरीफ से की गई है। जानकारी के मुताबिक तृतीय और चतुर्थ चरण के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा में एक ही उतीर्णता प्रमाण पत्र के आधार पर कई स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों के प्रमाण पत्र की जांच कराई गई थी।
डीएम ने दिया आदेश
तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर 203 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच हुई थी। जिसमें जिले के विभिन्न प्रखंडों में 68 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। जिसके आलोक में जिलाधिकारी ने फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाल शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। सबसे बड़ी बात तो ये है कि फर्जी बहाली में गिरफ्तार होने के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग की ओर से यह साफ तौर पर कहा गया है कि जो लोग फर्जी बहाली के रूप में शामिल है उन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। महिला शिक्षिका की गिरफ्तारी के बाद फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।
पिछले साल हुई थी कार्रवाई
इससे पूर्व भी नवादा में पिछले साल 3 दिसंबर को 18 फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई की गई थी। जिसमें, फर्जी पाए गए 18 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर बर्खास्त करने का आदेश नियोजन इकाई को दिया गया था। फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध नारदीगंज , मेसकौर , सीतामढ़ी , गोविंदपुर थाने में 20 नवम्बर को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।