NEWSPR डेस्क। पटना बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा इन दिनों विवादों में हैं। विवाद उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर शुरू हुआ है। बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने मगध रेंज के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा के खिलाफ करप्सन और वित्तीय अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट की ओर से आरोप लगाया गया है कि अमित लोढ़ा ने सरकारी पद पर रहते हुए बिजनेस किया है। बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट का ये भी आरोप है कि उन्होंने निजी स्वार्थ के लिए वित्तीय अनियमितता की है। अमित लोढ़ा की पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से इसी दिसंबर महीने में साल 2018 में एक पुस्तक आई थी। जिसका नाम ‘बिहार डायरी’ था। उस पर एक वेब सीरीज बनी है ‘खाकी’। जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं।
वेब सीरीज पर विवाद
बिहार स्पेशल विजिलेंस यूनिट का आरोप है कि मगध रेंज के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा ने नेटफ्लिक्स और फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ सरकारी पद पर रहते हुए व्यवसायिक काम किया। विशेष निगरानी की इकाई इस मामले में 7 पीसी एक्ट के तहत अमित लोढ़ा पर मुकदमा दर्ज किया है। ‘खाकी’ वेब सीरीज को मशहूर निर्देशक नीरज पांडेय ने निर्देशित किया है। ये वेब सीरीज शेखपुरा के डॉन अशोक महतो के कारनामों पर बनी है। उस दौरान शेखपुरा के एसपी अमित लोढ़ा थे। जिन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर पुस्तक लिखी है। जिस पर नेटफ्लिक्स प्लेटफार्म पर ‘खाकी’ वेब सीरीज आई है।
1998 बैच के आईपीएस अधिकारी
अमित लोढ़ा 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। काफी चर्चित रहे हैं। उन्होंने 25 साल की उम्र में यूपीएससी कंपलीट किया और आईपीएस अधिकारी बन गए। बाद में उन्हें बिहार कैडर में नियुक्ति मिली। अमित लोढ़ा पर विशेष निगरानी की ईकाई की ओर से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। विशेष निगरानी इकाई का कहना है कि मगध क्षेत्र के तत्कालीन आईजी अमित लोढ़ा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार, निजी स्वार्थ और लाभ के लिए की गई वित्तीय अनियमितता के आरोपों की जांच प्रतिवेदन की समीक्षा पुलिस मुख्यालय और वरिष्ठ अधिकारियों ने की। इसके अलावा सरकारी सेवक रहते हुए नेटफ्लिक्स-फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ व्यवसायिक कार्यों में उनकी संलिप्तता पाई गई थी। इसकी भी जांच की गई है।
विशेष निगरानी इकाई ने बताया
उसके बाद विशेष निगरानी इकाई की ओर से लिखा गया है कि जांच के दौरान पाए गए तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर विशेष निगरानी इकाई ने आईपीएस लोढ़ा के खिलाफ सात दिसंबर को केस दर्ज किया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धारा U/S13(1)(b)r/w13(2)r/w12, 1988 और 120b व आईपीसी की धारा 168 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।