कोच्चि : सोना तस्करी में आरोपित बनाई गई स्वप्ना सुरेश की जमानत याचिका को लेकर एनआईए ने कड़ा विरोध जताया है। एनआईए ने कहा है कि स्वप्ना सुरेश का केरल मुख्यमंत्री कार्यालय में अच्छा खासा प्रभाव था। अब अदालत स्वप्ना की जमानत के संबंध में 10 अगस्त को फैसला सुनाएगी।
एनआइए की मानें तो स्वप्ना के रसूख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि तिरुअनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महावाणिज्य दूतावास से इस्तीफा देने के बावजूद उसे वेतन मिलता रहा। सोना तस्करी की जांच में मिले साक्ष्यों के अनुसार दूतावास से सेवानिवृत्त होने के बाद भी वहां के करीब-करीब सभी काम में स्वप्ना का दखल रहता था।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के साथ मिलकर की 100 करोड़ के सोने की तस्करी
स्वप्ना की जमानत का कड़ा विरोध करते हुए एजेंसी ने कहा कि इस मामले की सघन जांच होनी चाहिए, क्योंकि पिछले साल नवंबर के बाद आरोपितों ने 100 करोड़ रुपये के सोने की तस्करी की है। केंद्रीय एजेंसी ने अदालत को बताया कि स्वप्ना ने पूछताछ के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के पूर्व प्रधान सचिव व आइटी विभाग के पूर्व सचिव एम. शिवशंकर से करीबी रिश्ते होने की बात स्वीकार की है।
गौरतलब है कि सीमा शुल्क विभाग ने केरल के तिरुअनंतपुरम हवाईअड्डे पर पांच जुलाई को करीब 15 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश किया था। सोने की खेप तिरुअनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) महावाणिज्य दूतावास के एक राजनयिक के नाम पर एयर कार्गो के जरिये भेजी गई थी।