दानिश
लोहरदगा। नवजात शिशु के जन्म के बाद ही उसे मृत मानकर जमीन में दफन कर दिया गया। लेकिन उसके बाद एक चमत्कार हुआ। जब आधे अधूरे दफन शिशु के रोने की आवाज लोगों ने सुनी, जो यह बताने की कोशिश कर रही थी कि अभी मैं जिंदा हूं। मुझे यहां से बाहर निकालो। जिसके बाद लोगों की भीड़ वहां जुट गई। फिलहाल शिशु को देखभाल के लिए बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। वहीं बच्चे के परिजनों की तलाश शुरु कर दी गई है।
मामला लोहरदगा जिले के कुडू थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां चंदलासो डैम के समीप स्थित शमशान घाट में शनिवार की शाम कुछ लोगों ने एक नवजात शिशु को दफन कर दिया था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उसे मृत मानकर ऐसा किया गया था या उससे छुटकारा पाना चाहते थे।
आधा किया था दफन
नवजात की किस्मत अच्छी रही कि दफन करने वाले ने उसे आधा-अधूरा ही दफन किया था।
इससे नवजात के रोने की आवाज वहां से गुजर रहे एक व्यक्ति के कानों में गई और नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। मिट्टी में दफन नवजात के मिलने की सूचना पर कुडू थाना प्रभारी अनिल उरांव, एसआइ मुरारी कुमार पहुंचे और मामले की जानकारी तो उनके भी होश उड़ गए जव उन्होंने नवजात को मिट्टी में आधा-अधूरा दफन देखा। बाद में उसे सही सलामत मिट्टी से बाहर निकाला। फिलहाल नवजात सुरक्षित है। गनीमत रही कि समय रहते नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया।
बाल कल्याण समिति की टीम चंदलासो गांव पहुंची, मामले में जांच शुरू
नवजात के शमशान में बरामद होने के मामले में जांच के लिए बाल कल्याण समिति की टीम चंदलासो गांव पहुंची है। इस टीम में बाल कल्याण समिति के बालकृष्ण सिंह, चाइल्ड लाइन के सुदर्शन साहू, नंदलाल प्रसाद, कुंती साहू, सुशीला कुमारी सभी चंदलासो गांव पहुंचकर पूरे मामले की गहनता के साथ पड़ताल कर रहे हैं। साथ ही नवजात के माता-पिता के बारे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। टीम में शामिल लोग शमशान से लेकर लोगों के घर तक जाकर नवजात के बारे में जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं।