NEWSPR डेस्क। पटना कहा जाता है राजनीति संभावनाओं का खेल है। राजनीति में न कोई स्थाई दुश्मन होता है और ना कोई दोस्त। केवल संभावनाएं होती हैं, जो स्थाई होती हैं। बीजेपी ने दो ‘संभावनाओं’ को होली के मौके पर ‘भगवा’ रंग लगाया। बीजेपी के लिए यह संभावना चिराग पासवान और मुकेश सहनी हैं। आज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया था। इसमें चिराग पासवान और मुकेश सहनी दोनों को बुलाया गया था। इसमें दोनों नेता पहुंचे।
चिराग पासवान राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष हैं। वे पिछड़ों के नेता कहे जाते हैं। इनकी पकड़ पिछड़े और पासवान जाति में है। माना जाता है कि राजनीतिक तौर पर इनके कब्जे में 5 से 7 पर्सेंट वोट हैं। इसी नाते अब उन्हें जेड प्लस सुरक्षा भी दे दी गई है। अमित शाह से मुलाकात हो चुकी है। अब उन्हें रंग गुलाल और मिठाई खिलाई जा रही है।
हालांकि 2020 के चुनाव के बाद बीजेपी और चिराग पासवान की तब की पार्टी एलजेपी में काफी अलगाव देखने को मिला। रामविलास पासवान की बनाई हुई पार्टी दो भागों में बंट गई। लंबे समय तक चिराग पासवान इस टूट के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार मान रहे थे। लेकिन फिर वही संभावना, जो राजनीति में हमेशा रहेगी। इस संभावना ने बीजेपी और चिराग पासवान को करीब ला दिया। अब गले मिलने और दूरियों को मिटाने की कोशिश शुरू हो गई है। दूरियां मिटाने का मौका होली मिलन समारोह बना। इस दौरान चिराग पासवान ने भी रविशंकर प्रसाद को अपना अभिभावक बता दिया।
वहीं, दूसरी तस्वीर में मिठाई खाते सन ऑफ मल्लाह यानी मुकेश सहनी नजर आ रहे हैं। इनका भी दावा है कि मल्लाह और अति पिछड़ों का वोट इनके साथ है। हालांकि राजनीतिक जानकार इनके भी बिहार में 5 परसेंट से 3 परसेंट वोट इनके खाते में डालते हैं। बीजेपी को आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुकेश साहनी में 5 से 3 परसेंट वोट नजर आ रहे हैं।
हालांकि मुकेश सहनी कहीं भी किसी भी जिले में अकेले कुछ भी करने की स्थिति में नहीं हैं। लेकिन कुछ सीटों पर मल्लाहों के वोट से जीत सुनिश्चित करने में सफल जरूर हैं। फिल्म के सेट बनाने वाले बिजनेसमैन मुकेश सहनी ने पैसों के बल पर खुद की ब्रांडिंग मल्लाहों के नेता के रूप में की। अब ब्रांडिंग के दम पर मुकेश सहनी सन ऑफ मल्लाह हो गए। रविशंकर प्रसाद के यहां होली मिलन समारोह में शामिल हुए मुकेश सहनी ने मालपुआ का स्वाद चखा।
अब लोकसभा चुनाव में महज 1 वर्ष का वक्त बचा है। 2024 में लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में होली के मौके पर एक बार फिर से टूटी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। कभी इन्हीं मुकेश सहनी को बीजेपी ने बेआबरू करके विधान परिषद से बाहर किया और बिहार सरकार में मंत्री का पद भी छीन लिया। लगभग साल भर पहले तक मुकेश सहनी, बीजेपी को पानी पी-पीकर गालियां दे रहे थे। साथ ना जाने की कसमें खा रहे थे। अब मिठाई खा रहे हैं। बताते चलें कि चिराग पासवान की तरह की मुकेश सहनी को भी बीजेपी ने Y सुरक्षा देकर 5% वोटों को ‘सुरक्षित’ कर लिया है।
होली मिलन के दौरान रविशंकर प्रसाद ने मुकेश सहनी को रंग लगाया। इस मौके पर बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। मुकेश सहनी भी रविशंकर प्रसाद से गले मिले। ऐसे में अब माना जा रहा बीजेपी महागठबंधन को घेरने के लिए चक्रव्यूह की रचना कर चुकी है। उसे अब बस इंतजार है समर शुरू होने का। इसी रणनीति के तहत रूठों को रंग लगाए जा रहे हैं। बेआबरू कर निकाले गए मुकेश साहनी को मिठाइयां खिलाई जा रही हैं।