पटना सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच के तमाम दावों पर विराम लगता नजर आ रहा है। बिहार के कई जिलों से इलाज के लिए आये मरीजों को कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। दावे तो पीएमसीएच अस्पताल प्रबंधन की और से बेहतर इलाज और सुबिधाओं को लेकर किया जाता है। बावजूद इसके हकीकत कुछ और बयान करता है। जाँच के लिए परिजनों की लम्बी कतार और मरीजों को स्ट्रेचर तक मुहैया नहीं हो पा रहा है। इसी कड़ी में ताजा मामला पीएमसीएच का ही है।
जहां बिहार के नरकटियागंज से आई बृद्ध महिला पैरालाइसिस की शिकार हुई जिसके इलाज को लेकर परिजन पहुंचे थे जहाँ डॉक्टरों ने इलाज कर बृद्ध महिला को एंजिओग्राफी जाँच को भेजा था हद तो तब हो गई जब परिजनों ने बृद्ध महिलाओ को अपनी गोद में उठाकर जाँच के लिए पैदल पीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय से गुजऱते दिखे। परिजनों से पूछे जाने पर बताया की स्ट्रेचर या व्हीलचेयर की मांग की गई जो इन्हे अस्पताल के कर्मियों द्वारा महैया नहीं किया गया। मजबूरन मरीज को गोद में लेकर एंजिओग्राफी के लिया जाना पड़ा है।