भागलपुर के क्राइस्ट चर्च कैंपस में बन रहे दुकानों मॉल व भवनों को आप अगर रजिस्ट्री कराना चाहते हैं तो हो जाएं सावधान क्योंकि इस कैंपस में बन रहे भवनों पर भू माफियाओं की काली नजर है ।क्राइस्ट चर्च भागलपुर इण्डियन चर्च ट्रस्टी चर्च ऑफ इण्डिया, पाकिस्तान, वर्मा व सीलोन की सम्पत्ति है। आपको जानकर यह हैरान कर देगा कि इस क्राइस्ट चर्च भागलपुर चर्च की सम्पत्ति पर कुछ भू-माफियाओं फांसिस व अमृत प्रसाद सोलेमन जॉन व इनके साथियों द्वारा कूट रचित व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चर्च व पूरा प्रार्थना स्थल पर भू-माफियाओं द्वारा शापिंग काम्पलेक्स निर्माण कराया जा रहा है, जो अवैध और गैरकानूनी है ।आपको बता दें कि अमृत प्रसाद एक भू-माफिया है जो चर्च की जमीन को फर्जी व कूट रचित दस्तावेजों को आधार बनाकर हेर-फेर करता है। जो अपने को फर्जी कागजों के आधार पर चर्च की सम्पत्ति का मालिक बताता है। फ्रांसिस हसदा अपने को चर्च ऑफ नार्थ इण्डिया का विशप बताता है। उसका कोई अधिकार किसी भी तरीके से क्राइस्ट चर्च भागलपुर पर नहीं है।
इस मामले को लेकर आज स्थानीय होटल में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसमें चर्च ऑफ़ इंडिया पाकिस्तान वर्मा शिलांन के विशफ मोस्ट लब्रान जोर्ज अगस्ट जो लखनऊ के हैं और फादर जैकब जॉनसन दास जो पूर्णिया के हैं उन्होंने अरबों रुपए के जमीन का काला चिट्ठा खोला।उन्होंने कहा फासिस हंसदा, अमृत प्रसाद सोलेगन जॉन, पी०पी० मरांडी एक फर्जी वो कूट रचित दस्तावेज बनाकर क्राइस्ट चर्च भागलपुर पर भू-माफियाओं से साठगाठ कर एक शापिंग माल का निर्माण कर रहा है। जो अवैध व गैरकानूनी है, फ्रांसिस हसदा का क्राइस्ट चर्च भागलपुर पर कोई अधिकार नहीं है। यह सम्पत्ति इण्डियन चर्च ट्रस्टी, पर्ध ऑफ इण्डिया, पाकिस्तान वर्मा व सीलोन में निहित है जो इण्डियन चर्च एक्ट 1927 ई0 के सैक्ण्ड शिडुल द्वारा भारत सरकार द्वारा हस्तांतरित हुआ है। जो इण्डियन चर्च ट्रस्टी में निहित है।
गौरतलब हो कि इस बन रहे मार्केटिंग कॉन्प्लेक्स को अभी भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के आदेशानुसार निर्माणाधीन कार्य को रोक दिया गया है।