लगातार बढते तपिश से जनजीवन पर प्रतिकूल असर पडने लगा है। जलस्तर में लगातार आ रही गिरावट से लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जल जीवन हरियाली के तहत कुंऐं के कराए गए जीर्णोद्धार का गर्मी शुरू होते ही पोल खुलने लगी। जबकि चापाकल जल स्तर में गिरावट से मृतप्राय होकर रह गया है। लोगों को एक निजी बोरिंग से पानी लाना पड़ रहा है। यूं कहा जाय कि लोगों को प्यास बुझाने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही पेयजल की समस्या मुंगेर जिला में संग्रामपुर प्रखंड के ददरीजाला पंचायत अन्तर्गत भलूआ गांव के वार्ड नम्वर 10 में देखा जा रहा है। इस गांव के वाशिंदे को भीषण जल संकट का सामना करना पड रहा है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना इस गांव के लोगों के लिए हांथी का दांत साबित हो रही है। ग्रामीणों को पेय जल के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। इस भीषण जल संकट की समस्या के निवारण के लिए न तो जनप्रतिनिधि सामने आ रहे हैं और न ही प्रशासनिक महकमा। पंचायत प्रतिनिधियों व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश गहराता जा रहा है।ग्रामीणों ने कहा की इस गांव में हर घर नल का जल योजना का पाइप नल लगा हुआ है जिसमें टोटी तक का कोई अता पता नहीं है। 165 घर है,मात्र 35 घरों तक पानी जाता है,135 घर आज भी पानी के लिए तरस जाता है।चापाकल से पानी नहीं गिर रहा है। जबकि एक माह पूर्व ही गांव के सभी कुंऐं सुख गया है। गांव में पानी का एकमात्र सहारा निजी बोरिंग है। गांव की आबादी लगभग सात सौ है। ददरीजाला पंचायत के लगभग सभी वार्डों मे हर घर नल का जल योजना से जलापूर्ति हो रही है। जबकि हमारे गांव को इस महत्वाकांक्षी योजना से वंचित रखा गया है । मुखिया के अनुसार समस्या पीएचईडी के द्वारा उत्पन्न किया गया है हर घर नल का जल योजना को क्रियान्वयन पीएचईडी को कराकर जलापूर्ति करना है। बावजूद इसके पीएचईडी पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है। फिल वक्त ग्रामीणों को प्यास बुझाने के लिए पसीना बहाना मजबूरी है।