सौहार्दपूर्ण माहौल में बकरिद की नमाज अदा कर अकीदतमंदों ने मांगी दुआएं, सुरक्षा व्यवस्था सख्त।

Patna Desk

 

पूरे जिले में ईद उल अजहा का पर्व सौहार्दपूर्ण वातावरण में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर, गांव, कस्बो आदि जगहों पर अकीदतमंदों ने अपने अपने घरों में हीं पहले नमाज अदा की ,फिर नन्हे मुन्हे बच्चे से लेकर बुजुर्ग, युवा वर्ग के लोगो ने एक दूसरे को बधाई दी। हालांकि बीते दिनों राम नवमी के अवसर पर हुए सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए शहर के सभी मस्जिदों पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती रही। वहीं ज्यादातर लोगों ने अपने घरों पर ही नमाज अदा कर दुआएं मांगी।आपसी सौहार्द एवं प्रेम व बलिदान का प्रतीक कहे जाने वाले इस त्योहार को परम्परागत तरीके से भाईचारे के साथ मनाया गया। मुस्लिम अनुवाईयो ने गुरूवार की सुबह से ही घर परिवार से लेकर रिश्तेदारों में बधाइयां दी तथा बकरीद का पर्व जश्न के साथ मनाने के लिए एक दूसरे को आमंत्रित भी किया। वहीं बकरीद पर्व की बधाइयां सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, टिवटर,वास्ट्सप आदि पर भी जमकर दी जा रही है।इस मौके पर अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के गलियों व मुहल्लों को काफी आकर्षक ढंग से सजाया गया था,जो देखने में बहुत मनोरम लग रहा था। अन्य समुदायों के लोगों ने भी इस मोहब्बत के पर्व में शरीक होकर बधाई दी तथा मिष्ठान, फल तथा तरह-तरह के व्यंजनो का स्वाद चखा।इस पर्व में राजनीतिक व सामाजिक वर्ग से जुड़े लोगों का एक-दुसरे के घर आना जाना कम रहा। ईद उल अजहा के अवसर पर लोग भेड़-बकरियों की बलि देकर मांस को अपने दोस्त व रिस्तेदारो में भी वितरित करते हैं। पूरे दिन लोग सफेद कुर्ता पजामा पहन कर सड़कों पर एक दूसरे को बधाइयां देते दिखे तथा देर शाम तक परिवार के सदस्यों द्वारा एक दूसरे के घर आना जाना लगा रहा। शहर की अधिकांश दुकानें बंद रही व सड़को पर दोपहर तक सन्नाटा पसरा रहा। वहीं जिला पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजामात के बीच जगह जगह दंडाधिकारी के साथ प्रर्याप्त पुलिस बल की तैनाती कर रखी थी तथा वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी भी जगह जगह गश्त करते दिखे। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार पर्व को लेकर पूरे जिले की विधि व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं तथा पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने कई संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ फ्लैग मार्च भी किया। जबकि एसएसबी एवं सीआरपीएफ जवानों द्वारा भी शहर में पूरे दिन फ्लैग मार्च किया गया। इसके साथ हीं पर्व को लेकर शहर की साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा गया था।

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