पटना नालंदा और जहानाबाद के वांटेड रूमी मलिक की मौत हो गई. एक महीना पहले पीरबहोर थाना इलाके में सड़क हादसे में वह घायल हो गया था. लेकिन सूत्र बताते हैं कि उसे गोली मारी गई थी. पर पुलिस ने गोली मारने की बात को नकार दिया. नालंदा जिला के रहने वाले रूमी का इलाज कंकड़बाग स्थित एक निजी अस्पताल में चल रहा था. सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि 3 जिलों में उस पर कई मामले दर्ज थे पर पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह पटना के पीरबहोर थाना अंतर्गत सब्जी बाग में रहता था। जब वह घायल हुआ तब पुलिस को इसकी जानकारी मिली।
अब बताते हैं रूमी मलिक की हिस्ट्री-
यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि 90 दशक का बिहार शरीफ जिला नालंदा का शातिर गुंडा था. जो कभी नालंदा पुलिस के लिए सरदर्द बना हुआ था. इनके अलावा दो दोस्त के साथ अपराध की दुनिया में कदम रखा था. एक का नाम मुन्ना सरकार तो दूसरा कैसी मलिक था. आपसी रंजिश के कारण बड़ी दरगाह में मुन्ना की हत्या कर दिया गया था। फिर अपने चेला मुनव्वर गैंग के द्वारा मोहल्ला छज्जू अंगूरी मस्जिद के पास कैसी मलिक की हत्या कर इंटरनेशनल क्रिमिनल बन गया। कभी यह झारखंड में शरण लेता तो कभी बंगाल तो कभी मुंबई और फिर पटना में शरण लेता और चोरी छुपे बिहार शरीफ में आया करता था। क्योंकि नालंदा जिला में शरण देने वाले आज भी मौजूद है जो पुलिस प्रशासन से बहुत दूर है तथा ऐसे इंटरनेशनल क्रिमिनल का नेटवर्क तथा स्लीपर सेल कई राज्यों में फैला हुआ है कम उम्र के बच्चे को अपराध की दुनिया में ले जाने का हुनर रखता सूत्रों के अनुसार यह अपने आप को आईएएस और आईपीएस से ज्यादा दिमाग वाला बताने से नहीं सकता था क्योंकि यह खुद शातिर क्रिमिनल था जिसका अंत आज हो गया।
आपको बता दें कि करीब 5 साल पहले कोतवाली थाने से सटे जहानाबाद के प्रॉपर्टी डीलर तबरेज उर्फ तब्बू की गोलियों से भूनकर हत्या कर दिया गया था इस मामले में रूमी मलिक आरोपी था उसे इस हत्याकांड में बेल नहीं मिली थी कोतवाली पुलिस उसे गिरफ्तार करने की तैयारी में थी पर अस्पताल में होने की वजह से उसे गिरफ्तार नहीं कर सकी तबरेज की पत्नी शमा परवीन ने रूमी मलिक डब्ल्यू मुखिया और तारीख मलिक शूटर गुड्डू बिल्ला समेत अन्य पांच अज्ञात पर केस दर्ज करवाया था इनमें कोतवाली पुलिस ने तीन चार नाम 22 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था कोतवाली थाना दार संजीत कुमार ने बताया कि रूमी की अस्पताल में मौत हो गई अगर वह जिंदा होता तो कई घटनाओं के बारे में पुलिस को सुराग मिल जाता जहानाबाद और नालंदा पुलिस को भी उसकी तलाश थी।