एक तरफ सरकार जहाँ शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त होने की दावा करती है लेकिन ये तस्वीरे बिल्कुल उल्टा है क्योंकि इस सरकारी स्कूल के पास ना तो अपना भवन है ना ही कोई और संसाधन लिहाजा बच्चे खुले आसमान में पढ़ने को मजबूर है जी हाँ हम बात कर रहे है पूर्वी चंपारण के पताही का जहाँ पर स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय रामपुर मनोरथ का जहाँ पर बच्चे पशुओं के साथ बैठ कर पढ़ते है कारण ये की इस स्कूल के पास अपना भवन ही नही है जबकि इस कि स्थापना दशकों पूर्व हो चुकी है लेकिन सरकार की लापरवाही के कारण आज भी ये स्कूल अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है ग्रामीण क्षेत्र में चल रही इस स्कूल सुविधा के नाम पर जीरो है क्योंकि जब भवन ही नही तो शौचालय, चापाकल, किचेन कहा से हो स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की हालत को देखते हुए पूर्व प्रखंड प्रमुख ने अपना एक पशुघर दे दिया लेकिन बच्चों का दुर्भाग्य ये की उस कमरे में मवेशियों का भी बसेरा है जिसमें जैसे तैसे बच्चे धूप बरसात से बचने के जानवरों के साथ पढ़ते है साथ ही मध्याह्न भोजन भी करते है वही दूसरी तरफ स्कूल की सच्चाई मीडिया में आने के बाद स्कूल के प्रिंसिपल अपना रोना रोते हुए कहा कि जितनी संशाधन है उसी से काम चलाते है।