देश और दुनिया कोरोना का कहर झेल रही है। वहीं कोरोना का असर देश की स्वतंत्रता दिवस के जश्न में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना के कारण स्वतंत्रता दिवस के जश्न के तरीके को भी बदला गया है। बात 2019 की करें तो हर साल की तरह 2019 में बहुत धुम-धाम से लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया गया था। लेकिन 2020 में कोरोना ने इस जश्न को कम कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाएगा लेकिन स्थितियां बदली रहेंगी। हालांकि इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही तिरंगा फहराएंगे, मगर कोरोना की वजह से कुछ चीजें नहीं दिखेंगी और कुछ नजारे बदले हुए नजर आएंगे।
शुक्रवार को जब लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराया जाएगा तो बहुत कुछ पहली बार दिखेगा। मसलन, हर साल की तुलना में मेहमान कम होंगे, सुरक्षा में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल पीपीई किट में होंगे और जो भी फोटो जर्नलिस्ट होंगे, उन सभी का कोरोना टेस्ट हुआ होगा।
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करते हैं, वह पिछले साल के समारोह में आए मेहमानों के पांचवें भाग से घिरे होंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए आने वाले 140 मेहमानों में कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाह और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शामिल होंगे। इस बार किसी भी वीआईपी के पति या पत्नी को आमंत्रित नहीं किया गया है और अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा।
गृह विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘पिछले साल प्राचीर पर करीब 800-900 मेहमान थे। इनमें से मुख्य रूप से वे थे जो वीवीआईपी मेहमानों के साथ आए थे।
सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए इस साल मेहमानों की संख्या बहुत कम रखी गई है। अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा। कुछ मेहमान अपने स्वास्थ्य की चिंताओं को लेकर नहीं आ सकते हैं।’
हर साल मौजूद रहने वाले फोटोग्राफरों की संख्या भी कम कर दी गई है। पिछले साल 80 से 90 फोटोग्राफर्स की तुलना में इस साल मात्र 10 फोटोग्राफर्स मौजूद रहेंगे। बुधवार को सरकार ने उन 10 फोटोजर्नलिस्ट का कोरोना टेस्ट कराया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान प्राचीर पर उनके आस-पास होंगे।