बिहार सरकार ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है यह आरोप सभी राज्यों को मिल रहे राशि को लेकर लगाया। वही इस पर राज्यसभा सांसद व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा यह बेबुनियाद आरोप है।
अगर भेदभाव करना ही होता 42000 करोड रुपए कैसे मिलते।केद्र प्रायोजित योजना एक फार्मूले पर आधारित है।खर्च करने पर ही पैसा मिलता है।पूरे पैसे बिहार सरकार के खाते में ही पड़े रहते हैं।जो पैसे पड़े रहते हैं उसका ब्याज की राशि वापस नहीं करने पर नहीं राशि नहीं मिलती।बिहार सरकार ने ब्याज की राशि वापस करने में 5 महीने का समय लगाया और अब केंद्र सरकार पर राज्य सरकार लग रही है।
आप अपनी व्यवस्था को ठीक करिए हिसाब को ठीक करिए तब केंद्र से पैसा मिलेगा। केंद्र सरकार ने राशि के लिए कुछ गाइडलाइंस बना रखी है जो हर राज्यों के लिए लागू होता है।राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बीमार रहते हैं,और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है तो कुछ भी बोलते रहते हैं।संविधान बदलने की बात आखिर आई कहां से लालू यादव 10 साल से बोल रहे हैं कि बीजेपी आएगी तो आरक्षण खत्म हो जाएगा।नरेंद्र मोदी की सरकार ने महिलाओं के लिए ही आरक्षण लागू कर दिया।राजद के ही कुछ लोगों ने पार्लियामेंट के अंदर बल की कॉपी को फाड़ दिया था।आज वही राष्ट्रीय जनता दल को झुकना पड़ा और बिल पास करने में मदद करना पड़ा।