कोसी और गंगा से घिरा नवगछिया अनुमंडल में छात्रों को शिक्षित बनने के लिया सरकार ने नवगछिया में मदन अहिल्या महीला कॉलेज का निर्माण तो करवा दिया मगर दूर दराज से नवगछिया पढ़ने आने वाली गरीब छात्राओं के लिया कई वर्षो से बन कर तैयार छात्रावास धूल फांक रही है. इसको लेकर कॉलेज की छात्राएं आज से भूख हड़ताल पर बैठी है और उनकी मांग है कि कॉलेज में वर्षो से बनकर तैयार छात्रावास को चालू किया जाए. आपको बता दें की नवगछिया पुलिस जिले के एकमात्र महिला कॉलेज होने के साथ साथ नवगछिया से सटे जिला कटिहार, खगड़िया, पुर्णिया, मधेपुरा , बांका, भागलपुर के छात्रा भी लाभान्वित होते हैं. दूर से आने के कारण वैसे छात्रा रोज कॉलेज नही आ पाते है जिससे उनका 75 प्रतिशत हाजरी पूरी नही हो पाती है. वैसे छात्राओं को रह कर पढ़ाई करने के लिए कॉलेज कैंपस में दो छात्रावास का निर्माण भी करवाया गया है मगर वह आज तक चालू नही हो सका है. एक छात्रावास वर्ष 2004 ई में बनाया गया था जिसे हैंड ओवर तो कर दिया गया मगर वो आज तक चालू नही हो सका वही वर्ष 2008 ई में एक और छात्रवास का निर्माण करवा गया वो अब तक हैंड ओवर नही किया गया है. दोनों छात्रावास का आलम यह है कि वह खंडहर में तब्दील हो चुका है. दिवारे झड़ने लगी हैं कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. बिना छात्रावास चालू हुए ही मरम्मती का कार्य करवाना अति आवश्यक है. इसके बावजूद अब तक छात्रावास को चालू नहीं करवाया गया है जिससे छात्रों को पैसा खर्च कर दूर दराज से कॉलेज आना पड़ता है. छात्रावास को चालू कराने को लेकर अभाविप के वर्ष 2016 से लगातार महाविद्यालय में मांग पत्र, विश्वविद्यालय में कुलपति को मांग पत्र, धरना प्रदर्शन भी किया यहाँ तक की छात्रा अनशन पर भी बैठी फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन का आंखे नहीं खुला. नवगछिया के सबसे कठिन इलाका करारी तिनटगा वहाँ से छात्रा आती है तो सबसे पहले उसे अधिक किराया लगता हैं. बहुत बार समय अधिक आने में लगने के कारण कक्षा या फिर परिक्षा भी छुट जाता है. कोई आवश्यक कार्य के लिए अगर दुसरे जिले से छात्रा आती है तो उन्हे रात्रि विश्राम का बंदोबस्त करना पड़ता है, यही अगर महाविद्यालय में छात्रावास रहता तो फिर ये सभी परेशानी नहीं होता
साक्षी भारद्वाज, छात्रा ने कहा की आज हमलोग छात्रावास की मांग को लेकर के जो की 2016 में बनकर तैयार है लेकिन चालू नही हो रहा है. इस लिए आज हमलोग भूख हड़ताल पर बैठे है. हमलोग इसको लेकर के VC के पास PRO VC के पास विश्वविद्यालय में जाकर बहुत बार आवेदन दिए, प्रधानाचार्य को भी बहुत बार आवेदन दिए, लेकिन कुछ सुनवाई नही हो रहा है. पिछले कुछ महीने पहले VC आए थे तो उन्होंने आश्वासन दिया था की अंतिम अप्रैल महीने में छात्रावास चालू कर देंगे. छात्रावास में बहुत धांधली है, न पीने की पानी का व्यवस्था है और न शौचालय की व्यवस्था है.
दीक्षा कुमारी, छात्रा ने कहा कॉलेज में बहुत सारी समस्या है, यहां बैठने के लिए जगह नहीं है, न पीने के लिए पानी की व्यवस्था है. हॉस्टल बना हुआ है लेकिन उपयोग नहीं हो पा रहा है. हमलोग इसको लेकर आंदोलन कर रहे है.
संजय कुमार चौधरी, प्रधानाचार्य ने कहा कि मेरे संज्ञान में यह एक महीने पहले आया है. दो हॉस्टल जो लगभग निर्मित है और कुछ काम बाकी है और जो भी कार्य विश्वविद्यालय ले स्तर से किया जा रहा था, यह विश्वविद्यालय तय करेगी कि कब वह तैयार कर के कॉलेज को हैंड ओवर करेगी. जिस दिन विश्वविद्यालय तैयार कर के हैंड ओवर कर देगी उस दिन हमलोग को कोई आपत्ति नहीं है. यह मैं भी चाहता हूं कि बच्चे हॉस्टल में रहे. बच्चे लोग भूख हड़ताल पर है लेकिन उनको भूख हड़ताल पर नही रहना चाहिए, उनको पढ़ना चाहिए.