करोड़ों की लागत से बना नया सिविल कोर्ट भवन शुक्रवार को लोकार्पित कर दी गई। कार्यक्रम में शामिल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन, न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह, निरीक्षी जज न्यायमूर्ति चंद्रशेखर झा, जिला जज राधेश्याम शुक्ल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा यह न्याय का मंदिर है। जिसमें बार और बेंच एक दूसरे के पूरक हैं। अधिवक्ताओ की तत्परता से पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलता है। कैमूर मां मुंडेश्वरी की गोद में है। कार्यक्रम मे शमिल न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह ने कहा नए जेल भवन के निर्माण आज तक पृरी नही हुई। कहा कि जब मैं (वर्ष 2014) में निरीक्षी जज था, तब से नए मंडल कारा भवन का निर्माण हो रहा है। लेकिन भवन निर्माण पृरी नही हुई। हालांकि बताया गया कि अगले 2 माह में भवन तैयार हो जाएगा। न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने कहा कि यह नया भवन कैमूर वासियों के लिए उपहार है। फैमिली जज भरत भूषण भसीन ने समापन भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन सुदीप पांडेय व न्यायिक दंडाधिकारी शिखा पांडेय ने किया। अयोजित कार्यक्रम में डीएम सावन कुमार,एडीजे अनिल कुमार ठाकुर, समेत कई न्यायिक पदाधिकारी व शाहाबाद क्षेत्र के डीआईजी नवीन चंद्र झा , पुलिस अधीक्षक ललित मोहन शर्मा,तदर्थ कमेटी के अध्यक्ष अदिवक्ता रविन्द्र नाथ चौबे, मंटु पांडेय, वरीय अधिवक्ता दिलीप सिंह कामेश्वर तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी मौजूद रहे।
सुविधाओं से लैस है नया कोर्ट भवन, पांचवी मंजिल पर रिकॉर्ड रूम
बता दें कि नवनिर्मित कोर्ट भवन सभी तरह की सुविधाओं से लैस है। 5 मंजिली इमारत में तीन लिफ्ट लगाई गई है। दो लिफ्ट अधिवक्ताओं व मुवकीलों के लिए बना है। तीसरा लिफ्ट न्यायिक पदाधिकारी के लिए रहेगा। पांचवी मंजिल पर अभिलेखागार रहेगा। इसके अतिरिक्त भूतल पर महिला व पुरुष कैदियों के लिए अलग-अलग हाजत रूम बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त मीटिंग हॉल पुस्तकालय की भी व्यवस्था है। हरेक तल पर बैठने के भी समुचित प्रबंध किए गए हैं।