NEWSPR DESK- मोतिहारी के तुरकौलिया बाजार रोड में अवैध रूप से क्लीनिक संचालित कर रहे नियोजित शिक्षक सह कथित फर्जी चिकित्सक डॉ बीके प्रसाद का मामला अब धीरे धीरे तुल पडने लगा है।
एक तरफ तुरकौलिया सीएचसी के प्रभारी डॉ. अर्जुन कुमार गुप्ता ने आज फर्जी डॉक्टर के उपर तुरकौलिया थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करायी है।
तो दूसरी तरफ नियोजित शिक्षक एवं फर्जी डॉक्टर बीके प्रसाद पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है ।
और तीसरी ओर जनप्रतिनिधियों ने भी फर्जी डाॅक्टर के उपर कारवाही करने के लिए उठाने लगे हैं आवाज
तुरकौलिया के कथित चिकित्सक डॉ, बीके प्रसाद जो एक फर्जी डाॅक्टर शिशु रोग विशेषज्ञ के नाम पर बोर्ड लगाकर करता था नवजात बच्चों के साथ खिलवाड़ जब इसकी सूचना सिविल सर्जन को मिली तो सिविल सर्जन के आदेशानुसार 15 सितंबर को सीएचसी के प्रभारी डॉ.अर्जुन कुमार गुप्ता के नेतृत्व एक जांच टीम का गठन किया गया।
जिसमे डॉ. बीके प्रसाद का क्लीनिक का जांच किया गया तो बोर्ड पर कोई डिग्री नहीं लिखा हुआ था।
हालांकि चिकित्सक क्लीनिक छोड़कर गायब हो गए।
जांच टीम ने डाॅक्टर से बार बार मांग किया डिग्री और अन्य दस्तावेजों का लेकिन डाॅक्टर कोई भी पेपर जमा नहीं कराया।
इतना ही नहीं अपने आप को डाॅक्टर कहने वाला बीके प्रसाद एक नियोजित शिक्षक भी है उसके बाद भी वह अवैध रूप से डाॅक्टर का बोर्ड लगाकर तुरकौलिया में खोल रखा था क्लिनिक।
इस संबंध में जन प्रतिनिधियों का कहना है कि एक तरफ क्लिनिक में बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
तो दूसरी तरफ स्कूल में बचों के साथ डाॅक्टर बीके प्रसाद खिलवाड़ कर रहा है।हम लोग इसे छोड़ेंगे नहीं ऐसे फर्जी ब्यक्ति को।
वही शंकर सरैया के मुखिया एजाज़ अहमद ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से इसके बारे में मिल के अवगत् करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में हाजरी कैसे बन जाता है और उनका वेतन कैसे भुगतान होता है ये सब भी जाँच का विषय है।
इस संबंध में राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष शाहिद अख्तर ने सिविल सर्जन से मिल के ज्ञापन सौंपा जिसमें तथाकथित चिकित्सक डॉ बी के प्रसाद को बचाने के लिए उसी जगह पर एक नये डॉक्टर जी. डी तिवारी का बोर्ड लगा दिया गया है।