जिले में एकल परिवार के बढ़े चलन ने बुजुर्गों का सम्मान घटा दिया है। अब नई पीढ़ी अपने बुजुर्ग माता पिता का पालन करने से कतरा रहे हैं. जिससे उन्हें ओल्ड एज होम में पनाह लेनी पड़ रही है। यहाँ दो वृद्धाश्रम हैं जिसमें एक वृद्धाश्रम का उद्घाटन एक साल पूर्व ही सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने किया था, इसके अलावे एक वृद्धाश्रम पूर्व से ही सहारा उमंग द्वारा सरमसपुर में संचालित है यहाँ अभी करीब तीस से चालीस बुजुर्ग रह रहे हैं जिन्हें सरकार की ओर से रहने व खाने के साथ ही रोजगार के तकनीक भी सिखाए जा रहे हैं, जिससे वे उम्र की ढलान पर भी आत्मनिर्भर बन सके. घर से बेदखाल किये गये वृद्ध भागलपुर जिले के वृद्धाश्रम को अपना आशियाना बना रहे हैं। बांका जिले के कटोरिया बाजार के बुजुर्ग दंपति 81 वर्षीय शंकर लाल गुप्ता एवं उनकी पत्नी 76 वर्षीय उमा देवी को उनके बेटे राज किशोर गुप्ता उर्फ़ राजू गुप्ता ने घर से निकाल दिया। जिसे भागलपुर के समाजसेवी संजीव सुमन की पहल पर भागलपुर के ओल्ड होम में पनाह दिलाई गयी। ये पेशे से कपड़ा व्यवसाई थे। जिनके पास जमा पूँजी उनके बेटे व बेटी कंचन गुप्ता व उनके पति ने हथियाने के बाद उन्हे घर में रखने से इंकार करते हुए घर से निकाल दिया। जिससे मजबूरन बुजुर्ग दंपति को वृद्धाश्रम का सहारा लेना पड़ा।
ज्ञात हो कि भागलपुर के चर्चित समाजसेवी सह बिहार प्रदेश सचिव संजीव सुमन का अनाथालय, वृद्धाश्रम आदि से गहरा संबंध रहा है. यही वजह है कि श्री सुमन बराबर वृद्धाश्रम जाकर हरसंभव सेवा देते रहते हैं. कभी जरुरतमंदो को भोजन, कभी कम्बल, कभी अलाव की व्यवस्था करवाना, कभी राशन कार्ड, वृद्धा पेंशन जैसी समस्या को लेकर खुद कोर्ट कचहरी जाकर समस्या निवारण कराना जैसे कई मुसीबत की घड़ी में हरसंभव अपना योगदान देते रहे हैं।