सरकार ने बुधवार को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से अर्धसैनिक बलों के लगभग 10,000 जवानों को ‘तत्काल’ वापस बुलाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया।
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आ रही खबर के अनुसार बताया जा रहा है कि कुल 100 सीएपीएफ कंपनियों को ‘तत्काल’ वापस बुलाने और देश में उनके दूसरे स्थानों पर वापस जाने का आदेश दिया गया है, जहां से उन्हें जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अनुच्छेद- 370 के हटाए जाने के समय पोस्ट किया गया था। निर्देशों के अनुसार, इस सप्ताह तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कुल 40 कंपनियां और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल की 20 कंपनियां जम्मू-कश्मीर से वापस बुला ली जाएंगी।
कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले 30 हजार अतिरिक्त सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया था। इसके अलावा बीएसएफ, सशस्त्र सीमा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को भी तैनात किया गया था। हालांकि जवानों की तैनाती को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर भी जवानों को ड्यूटी में लगाया गया था, लेकिन यात्रा के स्थगित होने उन्हें आंतरिक सुरक्षा के लिए लगा दिया गया।
गृह मंत्रालय ने जम्मू व कश्मीर में तैनात सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों, सीआरपीएफ और खुफिया विभाग के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय के आदेश के बाद अब कुल 100 कंपनी अर्धसैनिक बलों को कश्मीर से बुलाया जाएगा। माना जा रहा है कि बिहार में इस साल होने वाले चुनावों के मद्देनजर सुरक्षाबलों को वहां भेजा जा सकता है। दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर से सुरक्षाबलों की वापसी के फैसले को एक बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्र के निर्देश के मुताबिक, सीआरपीएफ की 40 कंपनियां, सीआईएसएफ की 20 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल को इसी हफ्ते जम्मू-कश्मीर से बाहर भेजा जाएगा। सीआईएएफ की एक कंपनी में 100 जवान रहते हैं। मई 2020 में गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ की 10 कंपनियां जम्मू-कश्मीर से हटाई थीं। केंद्र के मौजूदा आदेश के बाद भी जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ की 60 बटालियन रहेंगी। एक बटालियन में एक हजार जवान रहते हैं।