डीएन मौआर
औरंगाबाद। सरकारी काम को लेकर हमेशा से ही शिकायतें रहती हैं, विशेषकर रोड निर्माण की बात हो तो गुणवत्ता को लेकर नाराजगी बनी रहती है कि पैसे खाए जा रहे हैं। फिर भी चाहे दिखाने के लिए ही सही रोड बनते जरूर हैं। लेकिन औरंगाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां रोड निर्माण की बात तो दूर, एक ईंट तक नहीं रखी गई और 25 लाख रुपए का भुगतान हो गया। मामला सामने आने के बाद अब इस घोटाले से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
मामला कुटुम्बा प्रखंड के डुमरा पंचायत से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां के मुखिया, मनोज शर्मा ,पंचायत सेवक प्रदीप कुमार,एवं कुटुम्बा के पू्र्व बीडीओ लोकप्रकाश सिंह के द्वारा डुमरा गाँव के वार्ड नम्बर 5 और 6 में वित्तीय वर्ष 18 और 19 में पीसीसी रोड बनाने के लिये योजना चयनित किया गया था जिसकी लागत 25 लाख रुपये की थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि स्थल पर एक भी रुपये का काम नही किया गया और दस्तावेज के मुताबिक स्थल पर कार्य पूर्ण हो गये हैं। जिसकी नापी भी कर ली गई। यहाँ तक कि दस्तावेज पर पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा कार्य पूर्ण होने की पुष्टि भी हस्ताक्षर के माध्यम से कर दिया गया तथा योजना की फाइनल बिल निकासी की अनुमति भी दे दिया गया है। सभी की मिली भगत से सारे पैसे की निकासी भी कर लिया गया है।
दोबारा निर्माण की बात हुई तो मिली घोटाले की जानकारी
यह मामला तब उजागर हुआ जब नय बीडीओ एवं नय ग्रामसेवक ने कार्यभार सम्भाला और उसी स्थल पर पुनः दूसरे योजना का शिल्यान्यास करने पहुँचे। जब उसकी दस्तावेज खंगाला गया तो पता चला कि इस स्थल पर तो पूर्व में ही पीसीसी का कार्य कराया गया है। लेकिन स्थल पर कही भी पीसीसी का नामोनिशान नही देखने को मिला। मामले की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई, तब वह उग्र हो गए और जिला प्रसासन से जाँच कर करवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं इस बिन्दु पर कुटुम्बा प्रखंड विकास पदाधिकारी से वार्ता किया गया तो उसने भी इस मामले को लेकर जाँच करवाने के उपरांत कार्रवाई करने की बात कही है।