रंगदारी मांगने के आरोपों में सांसद पप्पू यादव को न्यायालय ने जमानत दे दी। जिसके बाद पप्पू यादव ने अर्जुन भवन में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि जिस राजा भगत नाम के व्यवसायी ने उनपर रंगदारी के आरोप लगाए, वे उसे ठीक से जानते तक नहीं थे। मामले के तह में जाने पर उन्हें मालूम हुआ कि उन्हें फंसाने के लिए बड़ी साजिश की गई। साजिश का प्लान पटना में तैयार किया गया। इसमें बिहार के एक बड़े नेता,पूर्णिया के बिजनेसमैन, मधेपुरा का एक बिजनेसमैन और पूर्णिया का एक पूर्व विधायक भी शामिल रहे।
अपनी जान को खतरा बताते हुए पप्पू यादव ने कहा है कि बड़े लेवल पर उन्हें खत्म करने की साजिश चल रही है। जिस तरीके से साजिश के तहत उनके ऊपर रंगदारी के आरोप लगाए और जिस हड़बड़ाहट के साथ उनके ऊपर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। उन्हें पूरा भरोसा था कि कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। पप्पू यादव ने 57 साल की उम्र में आज तक कभी इतना हर्ट कभी नहीं हुआ था। इतना मेंटल टॉर्चर कभी नहीं हुआ। जिस व्यक्ति से कभी मिला नहीं उनके एक आवेदन पर थाना प्रभारी के मिलीभगत से मुझपर केस किया गया। ये सारा कुछ वरीय अधिकारियों के आदेश पर हुआ। जबरदस्ती सीजीएम कोर्ट में धारा 385 लगाया गया, जिसका मतलब है, मैं मिला, सामने से धमकी दी और मौखिक रूप से मांग की, ये बिल्कुल गलत है। पप्पू यादव ने कहा कि थाना प्रभारी, राजा भगत और उस अमित यादव का भी कॉल डीटेल निकाला जाए, जिसे मेरा आदमी बताया गया और फिर मेरे ऊपर रंगदारी के आरोप लगाए गए।अमित यादव से राजा भगत की कितनी बार बातचीत हुई। कॉल हिस्ट्री निकली जाए।