NEWSPR DESK- अगर किसान उड़द की खेती में अक्सर प्रौढ़ कीट लगने की संभावनाएं होती हैं. इसके ऊपरी तथा निचले पंख पर काले रंग के धब्बे होते हैं. इससे फसल खराब होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसके अलावा उड़द की खेती में सफेद मक्खी रोग ज्यादा लगता है.
कीट आकार में छोटा होता है. इससे फसल खराब होने की संभावनाएं रहती हैं. झुलसा रोग भी लग सकत है. फसल को इन रोगों से बचाने के लिए आवश्यक दवाओं का छिड़काव किया जाता है, जिससे किसानों को नुकसान ना हो और उनकी फसल रोगरहित रह सके.
फसल को रोगरहित करने और रोगों से बचाने के लिए फ्लूक्लोरालिन 45 मेटोलैक्लोर 50 ईसी, क्लोरीम्यूरॉन 25 के साथ इमैजाथापर 10 ईसी 750- से 1000 मिली लीटर दवा का छिड़काव करना चाहिए. इससे फसल रोगरहित होती है. इसके साथ ही गोबर की खाद का प्रयोग भी किसानों के लिए सर्वोत्तम माना गया है.