NEWSPR DESK-किसान जून और जुलाई के महीने में खरीफ की फसल धान की रोपाई करते हैं. धान की रोपाई करने से पहले धान की नर्सरी तैयार की जाती है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि धान की नर्सरी में बेहतर तरीके से रोग प्रबंधन करें अन्यथा नर्सरी में लगने वाले रोग धान की रोपाई के बाद फसल में भी आ सकते हैं. जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है. धान की नर्सरी में पत्ता लपेट, तना छेदक और फंगस की बीमारी लग सकती है. जिसका प्रबंधन करना बेहद जरूरी है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि भीषण गर्मी में धान की नर्सरी में पत्ता लपेट की बीमारी भी आती है. इसके अलावा तना छेदक और फंगस की बीमारी भी धान की नर्सरी को चपेट में ले सकती हैं. जिसका समय पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. क्योंकि अगर किसी भी तरह की लापरवाही की जाती है तो धान की नर्सरी को नुकसान हो सकता है.