NEWSPR DESK-गया, लौंगी भुइंया के जज्बे किसानों की तकदीर बदल रहे हैं. कैनाल मैन से चर्चित लौंगी भुईयां दूसरी बार पहाड़ और पथरीले जंगल को अकेले खोदकर हजारों किसानों की तकदीर को ‘सींंचने’ की कवायद में जुटे हैं. 70 वर्ष के उम्र की पड़ाव में आए लौंगी भुइंया अपने दम पर एक बार फिर 5 किमी लंबी नहर खोद रहे हैं.लौंगी भुइंया गया जिले के नक्सल प्रभावित बांकेबाजार के जमुनिया आहर कोठिलवा के इलाके से आते हैं. पहले 30 सालों तक अथक परिश्रम कर अकेले दम पर जंगल पहाड़ के पथरीले रास्ते को काटकर नहर बना दिया था, जिसके बाद डैम में सिंचाई का पानी आया और इलाके में हजारों किसानों के बीच खुशहाली छा गई. तब से वे बिहार के ‘कैनाल मैन’ के नाम से मशहूर हो गए. लौगी भुइंया इस बार फिर 5 किमी लंबी दूसरी नहर खोद रहे हैं.
उनका इरादा जंगल- पहाड़ के बर्बाद हो जाने वाले पानी को अब सीधे किसानों के खेत में पहुंचाने का है. इतने बुजुर्ग होने के बावजूद इस बार उनके इरादे काफी मजबूत हैं, क्योंकि इस बार उन्होंने कुछ ही साल में 3 किमी से अधिक दूसरी नहर को खोदने का काम पूरा कर लिया है. अब शेष बचे काम में वे लगे हुए हैं. लौंगी भुइंया कम पढ़े लिखे हैं, लेकिन ‘कैनाल मैन’ की इंजीनियरिंग देखते ही बनती है. नहर खोदने की लौंगी की इंजीनियरिंग ऐसी है, कि इसके आगे असल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले के नक्शे भी फेल हो जाएंगे. पहाड़ जंगल की पथरीली जमीन की ओर लोग जाना भी नहीं चाहते, वैसी जमीन पर अथक परिश्रम से नहर खोद कर लौंगी भुुईया किसानों की तकदीर संवारने की कवायद में जुटे हुए हैं.
बाइट —लौंगी भुुईया किसानों