मुजफ्फरपुर :- जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र के पैगंबरपुर कोल्हुआ निवासी दिल मोहम्मद के पुत्र मो. समीर सड़क दुर्घटना में 18 अप्रैल को घायल हो गया, जिसे ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उसके पैर का ऑपरेशन कर स्टील रड लगाया. लेकिन उसके हालत में सुधार के बदले और ही खराब हो गया. आनन-फानन में परिजनों ने उसे बेहतर ईलाज के लिए ब्रह्मपुरा स्थित डॉ. शशि आर्थो एंड ट्रॉमा हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहाँ पर चिकित्सक ने ईलाज करने के बदले पैर को ही काट कर हटा दिया.
तत्पश्चात शिकायतकर्ता दिल मोहम्मद ने अपने अधिवक्ता एस.के.झा के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष 2 जुलाई को मुकदमा दायर किया. मुकदमे की सुनवाई आयोग के अध्यक्ष पियूष कमल दीक्षित और सदस्य सुनील कुमार तिवारी के द्वारा किया गया. सुनवाई के पश्चात आयोग ने ग्रीन डायमंड इमरजेंसी हॉस्पिटल एवं डॉ. शशि ऑर्थो एंड ट्रामा हॉस्पिटल को नोटिस भेजा है, जिसमें दोनों अस्पताल के प्रबंध निदेशक को 9 अक्टूबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है.
पूरे मामले के सम्बंध में मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि यह पूरा मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सेवा में कमी की कोटि का मामला है। चूँकि परिवादी के पुत्र का दाहिना पैर ही काट कर हटा दिया गया है, यह चिकित्सकीय लापरवाही को प्रदर्शित करता है। परिवादी ने विपक्षीगणों पर कुल 45 लाख 30 हजार रूपये के हर्जाना का दावा किया है.