कॉमन रिव्यू मिशन टीम ने की जिला पदाधिकारी ने मुलाकात,स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं पर चर्चा

Patna Desk

तीन दिवसीय दौरे पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की 16वीं कॉमन रिव्यू टीम ने अपने भ्रमण के आखिरी दिन जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम से शिष्टाचार मुलाकात की। इस दौरान टीम के लोगों ने जिला में आमजन को मुहैया करायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं पर संतुष्टि व्यक्त किया।

इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार डीपीएम नीलेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। दवा भंडारण की व्यवस्था के लिए दी सलाह: सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में सुदूरवर्ती क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं व सेवाएं मुहैया कराने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का टीम ने भ्रमण किया। टीम ने बांकेबाजार, डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का​ निरीक्षण किया। वहीं इकबाल नगर और कटारी हिल रोड शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मौजूद करायी जा रही सुविधाओं की बारीकी से जांच की। बताया​ कि टीम द्वारा जेपीएन सदर अस्पताल में दवा भंडारण की सही प्रकार से व्यवस्था करने की सलाह दी। टीम को इस संबंध में जानकारी दी गयी कि इसके लिए भारत मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड के पास आवेदन किया गया है। इस दिशा में स्वीकृति प्राप्त होते ही यहां पर बेहतर दवा भंडारण के लिए भवन निर्मित किया जायेगा।

बताया कि टीम द्वारा सभी मुख्य बिंदूओं पर संतुष्टि जताते हुए स्वास्थ्कर्मियों का भी प्रोत्साहन किया गया। सीआरएम टीम ने श्रवण श्रुति कार्यक्रम को सराहा: डीपीएम नीलेश कुमार ने बताया कि टीम द्वारा जिला पदाधिकारी के श्रवण श्रुति के तहत मुक बधिर बच्चों के इलाज को लेकर किये जा रहे कार्य को सराहा गया। इसके साथ ही आसमां एन अटैंप्ट टू सेफ मदरहुड बाई प्रिवेंटिंग एनीमिया कार्यक्रम की भी तारीफ की। क्षेत्र भ्रमण के दौरान आशा के कामों को भी बारीकी से देखा और आशाओं को बढ़िया काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। जिला पदाधिकारी ने सीआरएम टीम को बताया कि अधिक से अधिक सुनने में असक्षम बच्चों को चिन्हित कर श्रवण श्रुति कार्यक्रम के तहत इलाज कराया जायेगा। आसमा कार्यक्रम के तहत मातृ एंव शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम के तहत आयरन युक्त आहार के प्रति व्यवहार परिवर्तन लाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। एनीमिया के स्तर को काफी करना लक्ष्य रखा गया है।

Share This Article