NEWSPR DESK PATNA- बिहार के बांका जिले के बाद अब नालंदा में भी शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। खबरों के मुताबिक, शिक्षा विभाग जल्द ही इन शिक्षकों के खिलाफ बड़ा कदम उठा सकता है। नालंदा जिले में 807 शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के बाद उनकी काउंसिलिंग और प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया गया। यह प्रक्रिया 21 से 23 नवंबर तक डीआरसीसी (DRCC) में आयोजित हुई। इस दौरान 683 शिक्षकों ने प्रक्रिया पूरी की, लेकिन 71 शिक्षक अनुपस्थित रहे और 53 की काउंसिलिंग तकनीकी खराबी के चलते पूरी नहीं हो सकी। जो शिक्षक इस प्रक्रिया में अनुपस्थित रहे या जिनकी काउंसिलिंग नहीं हो पाई, उनकी नौकरी अब खतरे में है। विभाग की ओर से ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की संभावना है।
काउंसिलिंग में शामिल न होने वाले शिक्षकों के लिए अब नौकरी का संकट गहरा गया है। जिन शिक्षकों ने निर्धारित समय सीमा के भीतर काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी नहीं की, उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अनुपस्थित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई जल्द शुरू हो सकती है। यह कदम शिक्षा विभाग की सख्त नीतियों का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासन सुनिश्चित करना है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि पात्रता मानदंडों को पूरा करना और समय पर काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग लेना अनिवार्य है। ऐसे में इस प्रक्रिया को नजरअंदाज करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
शिक्षा विभाग ने काउंसिलिंग प्रक्रिया के बारे में शिक्षकों को पहले ही सूचित कर दिया था। अब जो शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाए, उनके लिए विभाग दोबारा काउंसिलिंग कराने पर विचार कर सकता है। साथ ही, तकनीकी समस्याओं के कारण जिन शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो पाई, उनके लिए अलग से व्यवस्था की जा सकती है।