जमुईः जिले के पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि जमुई पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बरहट डैम के समीप से संदिग्ध हालत में एक व्यक्ति को गिरफ्तार की थी। सम्बंधित व्यक्ति से कड़ी पूछताछ के बाद उसकी पहचान अनिल कोड़ा उर्फ अनिल दा उर्फ पप्पू पासवान के रूप में की गई। उन्होंने आगे कहा कि जमुई जिले के बरहट थाना अंतर्गत कुमरतरी गांव निवासी बाबूलाल कोड़ा का पुत्र अनिल कोड़ा से सघन पूछताछ में स्वयं को भाकपा माओवादी का सक्रिय सदस्य बताया है। वह कई नक्सली वारदातों को अंजाम देने में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
एसपी ने बताया कि अनिल कोड़ा हार्डकोर नक्सली के रूप में नामित किया जाता है। वह 2010 में कजरा जंगल में बीएमपी और सैप जवानों से हथियार लूटने के साथ कई पदाधिकारी और कर्मियों की हत्या कांड में शामिल था। उन्होंने इसके अलावे कई नक्सली वारदातों में उसके शामिल रहने की बात बताते हुए कहा कि जमुई पुलिस को एक लंबे अरसे से अनिल दा की तलाश थी।
उन्होंने मुंगेर डीआईजी मनु महाराज के निर्देश पर अनिल कोड़ा की गिरफ्तारी के लिए अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) सुधांशु कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किये जाने की जानकारी देते हुए कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत वर्षों से वांछित सम्बंधित नक्सली को दबोचने में कामयाबी हासिल हुई है।
एसपी ने अनिल कोड़ा की गिरफ्तारी को जमुई पुलिस की बड़ी उपलब्धि करार देते हुए कहा कि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए तथाकथित नक्सली मुख्य धारा में शामिल होकर सकारात्मक सहयोग करें। उन्होंने नक्सलियों की नकेल कसने को अपनी प्राथमिकता बताया। उधर जिला पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बल के भागीरथी प्रयास के परिणामस्वरूप जमुई, बरहट, कुमरतरी गांव निवासी एवं गिरफ्तार नक्सली अनिल कोड़ा की पत्नी प्रिया देवी उर्फ गुड़िया पासवान ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि प्रिया देवी भी जमुई जिले के खैरा और लखीसराय जिले के चानन थाना के कई नक्सली कांडों का नामजद आरोपी है। उन्होंने प्रिया देवी को 2013 में कुंदर हॉल्ट के समीप धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस को रोककर सुरक्षा बलों से हथियार लूटने और उनकी कत्ल किये जाने का आरोपी बताते हुए कहा कि जमुई पुलिस को इसकी भी कई कांडों में तलाश थी। मौके पर डीएसपी डॉ. राकेश कुमार, डीएसपी मुख्यालय लालबाबू यादव, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) सुधांशु कुमार समेत कई पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।