बिहार सरकार आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट विशेष रूप से रोजगार सृजन पर केंद्रित करेगी। चुनावी वर्ष को ध्यान में रखते हुए सरकार ने लगभग 6 लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा की है, जिनमें सबसे बड़ी भर्ती सिपाही और शिक्षक पदों पर होगी। बिहार में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने वाले हैं, और इस बजट को चुनावी दृष्टिकोण से पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी इसे प्रस्तुत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बजट में रोजगार और विकास योजनाओं को प्रमुखता दी जाएगी।सरकार का लक्ष्य है कि आगामी चुनाव से पहले 3 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिले, जबकि बाकी 3 लाख नौकरियां चुनाव के बाद दी जाएं।
अनुमानित तौर पर, राज्य का बजट 3.06 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है। शिक्षा विभाग को इस बजट में करीब 8.3% (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) का हिस्सा मिलने की संभावना है, और ग्रामीण विकास विभाग को भी महत्वपूर्ण आवंटन मिलेगा।शिक्षक भर्ती के तहत, TRE-4 में 80,000 पदों पर शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे, जिसमें TRE-3 के 21,397 खाली पद भी शामिल होंगे। बिहार के 75,000 स्कूलों में 1.5 लाख शिक्षकों की कमी को पूरा करने का लक्ष्य है।बजट सत्र की शुरुआत 17 फरवरी से होगी, जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी 19 फरवरी को आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पेश करेंगे।इस बजट में कुल 3.06 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है, जिसमें स्कीम एक्सपेंडिचर फंड के लिए 1 लाख करोड़ रुपये और एस्टेब्लिशमेंट एंड कमिटमेंट एक्सपेंडिचर फंड के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये आवंटित होंगे। सैलरी और पेंशन के लिए करीब 80,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।सरकार का मुख्य फोकस रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास पर रहेगा, और आगामी TRE-4 भर्ती तथा अन्य योजनाओं के लिए अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा ताकि युवाओं को अधिक रोजगार मिल सके।
बजट सत्र का कार्यक्रम इस प्रकार है: 18 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी, और 20-21 फरवरी को बजट पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। यह बजट युवाओं के लिए उम्मीदों का संदेश लेकर आएगा, साथ ही शिक्षा और विकास योजनाओं में नई दिशा देने का वादा करता है।