बिहार में आज से इंटरमीडिएट परीक्षा की शुरुआत हो गई है। सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी समय पर पहुंच गए, और परीक्षा तय समय पर प्रारंभ हो चुकी है। हालांकि, कई जिलों में अभ्यर्थियों को देर से पहुंचने के कारण परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं मिला, जिससे वे नाराज होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।नालंदा में छात्रों का हंगामानालंदा जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां परीक्षा में शामिल होने आए कई छात्र-छात्राओं को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया गया। परीक्षा से वंचित हुए अभ्यर्थी सड़क पर बैठकर विरोध करने लगे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
गाइडलाइन के तहत समय पर पहुंचना अनिवार्य
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने पहले ही परीक्षा से संबंधित गाइडलाइन जारी कर दी थी, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर कम से कम आधे घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य होगा। बावजूद इसके, बिहारशरीफ के किसान कॉलेज परीक्षा केंद्र पर एक दर्जन से अधिक छात्राएं देर से पहुंचीं, जिस कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया।छात्राओं का कहना है कि वे समय पर पहुंच गई थीं, फिर भी उन्हें अंदर जाने से रोका गया। वहीं, केंद्राधीक्षक का कहना है कि बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार देर से आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जा सकता।
परीक्षा दो पालियों में आयोजित
इस साल इंटरमीडिएट परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जा रही है। जिले में कुल 41 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 18 परीक्षा केंद्र छात्राओं और 23 परीक्षा केंद्र छात्रों के लिए निर्धारित हैं।बिहारशरीफ में 32 केंद्रराजगीर में 4 केंद्रहिलसा अनुमंडल में 5 केंद्रइस साल परीक्षा में कुल 41,000 छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं।15 फरवरी तक चलेगी परीक्षा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजामबिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अनुसार, इंटरमीडिएट परीक्षा 1 फरवरी से 15 फरवरी तक आयोजित होगी। राज्यभर में 1,677 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जहां 6,50,466 छात्र और 6,44,187 छात्राएँ परीक्षा में शामिल हो रही हैं।पटना जिले में 75,917 परीक्षार्थियों के लिए 85 परीक्षा केंद्र निर्धारित किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल फोन पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। यहां तक कि शिक्षकों को भी मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है।सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी परीक्षा केंद्रों के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि परीक्षा में कोई अव्यवस्था न हो।