बोकारो जिले के बेरमो क्षेत्र की चार महिलाएं समाज में महिलाओं की भूमिका को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं। पुरुषों के दबदबे वाले क्षेत्र में ये महिलाएं आत्मविश्वास और साहस के साथ फीडर ब्रेकर और क्रशर मशीनों का संचालन कर रही हैं। वर्षों से यह काम करते हुए इन्होंने खुद को इस क्षेत्र में न केवल स्थापित किया है, बल्कि तकनीकी दक्षता भी हासिल कर ली है।
कुन्नी कुमारी:कुन्नी कुमारी पिछले 9 वर्षों से फीडर ब्रेकर मशीन चला रही हैं। शुरुआत उन्होंने एक पीउन के रूप में की थी, लेकिन 2016 में ढोरी के जीएम कोटेश्वर राव ने उन्हें मशीन ऑपरेट करने के लिए प्रोत्साहित किया। पहले तो वह झिझकीं, पर फिर मेहनत और लगन से उन्होंने मशीन चलाना सीख लिया। अब वह मशीन में आई तकनीकी गड़बड़ियों को भी खुद ठीक कर लेती हैं।
चरकी कुमारी:चरकी कुमारी भी पिछले 6 सालों से फीडर ब्रेकर मशीन ऑपरेट कर रही हैं। पहले वह अमलो प्रोजेक्ट में कार्यरत थीं।
पिता के निधन के बाद उन्हें यह नौकरी मिली। शुरू में डर था, लेकिन सीखने की इच्छा ने उन्हें आगे बढ़ाया और आज वे पूरी कुशलता से मशीन का संचालन करती हैं।
तुलसी कुमारी:क्रशर मशीन चला रही तुलसी कुमारी भी इस सूची में शामिल हैं। पहले वह एक साधारण कर्मचारी थीं, लेकिन अपने मजबूत इरादों और मेहनत के बल पर उन्होंने मशीन ऑपरेशन सीखा। मां के निधन के बाद उन्हें नौकरी मिली और उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को पूरे आत्मबल के साथ स्वीकार किया।
गंगा देवी:पति के निधन के बाद सीसीएल में नौकरी पाने वाली गंगा देवी भी पिछले 6 वर्षों से मशीन ऑपरेट कर रही हैं। पहले वह पीउन थीं, लेकिन जब मशीन संचालन की जिम्मेदारी मिली तो अपने साहस और संकल्प के साथ उन्होंने इसे अपनाया और आज सफलता से इस कार्य को कर रही हैं।ये चारों महिलाएं न केवल बेरमो क्षेत्र की प्रेरणा हैं, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए मिसाल हैं जो किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानतीं।