भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए बिहार सरकार ने सुरक्षा तैयारियां तेज कर दी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारियों (DM) और पुलिस अधीक्षकों (SP) के साथ एक अहम उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।
इस बैठक में राज्य की कानून-व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंधन और लॉजिस्टिक तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।राज्य सरकार ने भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया है। इन इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है, जबकि पटना और दरभंगा एयरपोर्ट सहित सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक धरोहरों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।सीएम नीतीश की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में संभावित खतरों और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा और पुलिस विभागों को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश जारी किए हैं। सभी सरकारी अस्पतालों को सतर्क मोड में रखा गया है, और डॉक्टरों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं।आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी दी है कि संभावित मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में ऑक्सीजन, दवाइयां, एंबुलेंस और अन्य जरूरी संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों को अपने-अपने कार्यालयों में 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं।
सिविल डिफेंस विभाग ने हवाई हमलों की आशंका को देखते हुए विशेष तैयारी शुरू कर दी है। नागरिक सुरक्षा वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ाई जा रही है, और इसके लिए एक नया ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां इच्छुक युवा स्वयंसेवक के रूप में पंजीकरण कर सकेंगे।मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक में सोशल मीडिया की निगरानी और जेलों की सुरक्षा पर भी चौबीसों घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अफवाहों से निपटने के लिए जिला अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए हैं।भारत-नेपाल सीमा पर पहली बार SSB के साथ-साथ बिहार पुलिस की भी तैनाती की गई है। पश्चिम चंपारण से लेकर किशनगंज तक करीब 600 किलोमीटर लंबे सीमा क्षेत्र में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। वहीं सीतामढ़ी, सुपौल और रक्सौल सहित सीमावर्ती जिलों में चौबीसों घंटे पुलिस पेट्रोलिंग जारी है।नेपाल की सशस्त्र पुलिस ने पिछले 48 घंटों में 312 पेट्रोलिंग और 1844 चेक पॉइंट्स बनाए हैं। वाहनों की जांच के लिए आधुनिक स्कैनर और डॉग स्क्वॉड की सहायता ली जा रही है।