शिवमहापुराण मुक्ति का सर्वोपरि साधन है,वृंदावन,कासी से पधारे पं० विश्वकान्ताचार्य जी महाराज

Patna Desk

कैमूर, मानव जीवन मे अनेकानेक संसाधन के माध्यम से मनुष्य अपने अपने हृदयाराध्य को भक्ति कि नौका पर आरूढ़ होकर प्राप्त करना चाहता है । ऐसे तो यज्ञ,जप,तप,योग आदि से भी अनंतकाल से परमात्मा को लोग पाते रहते हैं,लेकिन कलिकाल में कथा के माध्यम से जितने सहजता से भगवत्प्राप्ति हो जाती है वह अलौकिक है ।

कैमूर जिले के रामपुर ब्लाक अंतर्गत बहिनी ग्राम मे आयोजित हो रही भव्य संगीतमय शिवमहापुराण कथा के मंच से वृंदावन,कासी से पधारे पं०विश्वकान्ताचार्य जी महाराज (आचार्यद्व ) ने कही ।भवसागर चँह पार जो पावा । रामकथा ता कहँ दृठ नावा ।। तुलसी कृत रामचरितमानस के अनुसार संसार रुपी समुद्र को पार करने के लिए रामकथा ही एकमात्र सरल साधन है,क्योंकिप्रायः जीव कि अंतिम इक्षा मोक्ष कि बनी रहती है और वह मोक्ष भागवान भोलेनाथ शिघ्र पूर्ण कर देते हैं ।

महाराज ने शिवमहापुराण कथा के तृतीय दिवस में आनांदमय विविध शिवचरित्र के साथ शिवविवाह के कथा का गायन किए । कथापांडार में श्रौताओं का अपार जनसमूह उमडा पडा था । सभी ग्रामीण जनता कथामृत का पान कर आनंदित हो रहे थे । समग्र कथा यज्ञ का आयोजन भारत के महान मनीषी संत पूज्य त्रिदण्डी स्वामी जी के परम कृपा पात्र शिष्य लक्ष्मीप्रपन्न जीमज्जीयर स्वामी जी के मंगल अनुशासन में सम्पादित हो रहा है । कथा क्रम में पूज्य विश्वकान्ताचार्य जी के बाद श्रीमद्भागवत कथा के उद्भट विद्वान एवं स्वामी जी के परम शिष्य आनंद बिहारी स्वामी जी मुखारविंद से भागवत कथा का अद्भुत गायन हो रहा है.

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