राजधानी पटना में कोरोना वायरस एक बार फिर पैर पसारता दिखाई दे रहा है। रविवार को कोविड-19 के आठ नए मामले सामने आने के बाद जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 60 तक पहुंच गई है, जिनमें से 39 मरीज अभी भी सक्रिय हैं, जबकि 21 लोग संक्रमण से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।
सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से पाँच की रिपोर्ट निजी अस्पतालों और लैबों में पॉजिटिव आई, जबकि दो मरीजों की पुष्टि एम्स पटना में और एक की एनएमसीएच में हुई। सभी मरीजों ने सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस करने के बाद स्वयं जाकर जांच कराई थी।
इन मरीजों का संबंध पटना के कई इलाकों—नेऊरा, दानापुर, दीघा, राजीवनगर, कुम्हरार और कंकड़बाग—से है, जो इस बात का संकेत है कि कोरोना संक्रमण शहर के अलग-अलग हिस्सों में फैल रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश ने स्पष्ट किया है कि जिले में अब तक किसी भी कोरोना मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में मिले कुल मामलों में से अधिकांश रिपोर्ट निजी जांच केंद्रों से सामने आई हैं, जबकि एम्स और एनएमसीएच जैसे सरकारी अस्पतालों में अब तक 21–22 केस ही सामने आए हैं।
देशभर में कोरोना की स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस समय देशभर में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 6,133 तक पहुंच चुकी है। केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जबकि गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में भी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डॉक्टरों की सलाह – सतर्कता जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अभी के अधिकतर मामलों में लक्षण हल्के हैं, और मरीज होम आइसोलेशन में ही स्वस्थ हो रहे हैं। हालांकि, जनवरी 2025 के बाद से अब तक देश में कोरोना से 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जो इस बात का संकेत है कि खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
प्रदेश और देश में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं, मास्क पहनें, और भीड़-भाड़ से दूरी बनाए रखें। यह वक्त लापरवाह होने का नहीं, बल्कि सजग और जिम्मेदार नागरिक बनने का है।