पटना: बख्तियारपुर प्रखंड के ग्यासपुर गंगा घाट पर दियारा क्षेत्र को जोड़ने वाला अहम पीपा पुल 18 जून की रात से हटा दिया गया है। गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया, लेकिन इसके कारण हजारों ग्रामीणों के आवागमन पर गंभीर असर पड़ा है।
पुल के हटने से अब दियारा क्षेत्र के लोगों के पास नाव के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सबसे अधिक असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ा है, क्योंकि पहले से ही इस इलाके में कोई सुसज्जित चिकित्सा केंद्र मौजूद नहीं है। अब मरीजों को नाव के सहारे मुख्य भूमि तक लाना और फिर अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अभी गंगा का जलस्तर उस हद तक नहीं बढ़ा है कि पुल को हटाना जरूरी होता। उनका मानना है कि कुछ और दिन पुल को चालू रखा जा सकता था। साथ ही उन्होंने खराब हालत में मौजूद पुल की मरम्मत न कर उसे अचानक हटाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है।
इस विषय पर एसडीएम चंदन कुमार ने बताया कि हर वर्ष 15 जून से 15 अक्टूबर के बीच पीपा पुल को हटाने का निर्देश होता है। इस वर्ष यह प्रक्रिया 18 जून को की गई। उन्होंने आश्वस्त किया कि दियारा क्षेत्र के लोगों के लिए पंजीकृत नावों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि आवागमन सुरक्षित तरीके से जारी रह सके।
ग्रामीणों ने प्रशासन से स्थायी पुल के निर्माण की मांग करते हुए कहा कि हर साल मानसून में यही स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है। जब तक स्थायी समाधान नहीं निकाला जाएगा, तब तक यह समस्या हर वर्ष सामने आती रहेगी।