बिहार में सरकारी स्कूल शिक्षकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण, बच्चों को सिखाया जाएगा आपदा प्रबंधन

Patna Desk

बिहार सरकार राज्य में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत राज्यभर के लगभग 6.5 लाख शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण पद्धतियों और आवश्यक कौशल विकास से जुड़ा विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित होगा, जिसकी रूपरेखा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने तैयार कर ली है।

सात दिवसीय प्रशिक्षण का कार्यक्रम

जानकारी के अनुसार, शिक्षकों को यह प्रशिक्षण उनके अपने जिलों में ही दिया जाएगा। प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम सात दिनों का होगा, जिसमें विशेष रूप से प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण पद्धति (Project-Based Learning) को प्राथमिकता दी गई है। इसका उद्देश्य शिक्षकों की दक्षता को बढ़ाना और छात्रों में व्यावहारिक कौशल विकसित करना है। प्रशिक्षण का आयोजन SCERT के साथ-साथ डायट, बिपार्ड पटना व गया समेत अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में किया जाएगा।

माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट पर फोकस

प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिक्षकों को माइक्रो इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट्स के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी मार्गदर्शन दिया जाएगा, जिससे शिक्षा व्यवस्था में छोटे लेकिन असरदार सुधार हो सकें।

छात्रों को भी सिखाया जाएगा आपदा प्रबंधन

मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत अब राज्य के 81 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में छात्रों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। पहले चरण में 9463 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के कक्षा 8वीं और 9वीं के विद्यार्थियों को ‘सुरक्षित शनिवार’ नामक अभियान के तहत हर शनिवार को आपात स्थितियों से निपटने की जानकारी दी जाएगी। इसमें छात्रों को भूकंप, आग या बाढ़ जैसी आपदाओं के समय खुद को सुरक्षित रखने के उपाय सिखाए जाएंगे।

शिक्षकों के लिए दो दिवसीय आवासीय ट्रेनिंग

आपदा प्रबंधन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए हर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय से एक शिक्षक को दो दिन का आवासीय प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके बाद वे शिक्षक अपने विद्यालय में अन्य बच्चों और स्टाफ को प्रशिक्षित करेंगे। इस बाबत बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम समन्वयकों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं।

यह व्यापक प्रशिक्षण पहल न केवल शिक्षकों की पेशेवर क्षमताओं को मजबूती देगी, बल्कि स्कूलों को आपदा के समय अधिक सुरक्षित और जागरूक बनाएगी।

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