भागलपुर नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जहां समाज उन्नति केंद्र नामक एक फर्जी एनजीओ के जरिए दर्जनों गांवों की महिलाओं से करोड़ों रुपये की ठगी की गई धोबिनिया, रसलपुर, नवगछिया बाजार, वैसी, बनिया सहित आसपास के गांवों की महिलाओं को इस ठगी का शिकार बनाया गया ठगों ने ‘समाज उन्नति केंद्र’ नाम से एक फर्जी संस्था बनाई और इसे एक पंजीकृत एनजीओ के रूप में प्रस्तुत किया महिलाओं का भरोसा जीतने के लिए बाकायदा संस्था की मुहर, डायरी और रजिस्टर तैयार किए गए प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में पांच महिलाओं को शामिल किया गया कुल 95 समूह बनाए गए.
हर समूह को एक रजिस्टर दिया गया, जिसमें मीटिंग की तिथि, कलेक्शन की राशि और हस्ताक्षर दर्ज किए जाते थे हर हफ्ते या महीने में मीटिंग होती थी, जिसमें महिलाओं से रकम ली जाती थी और डायरी में बाकायदा दस्तखत करवाया जाता था समूह की महिलाओं को बताया गया कि समाज उन्नति केंद्र उन्हें केनरा बैंक नवगछिया शाखा से लोन दिलवा रही है, जिससे वे स्वरोजगार शुरू कर सकें इसके तहत प्रत्येक समूह को औसतन 1.5 लाख रुपये का लोन स्वीकृत हुआ यह लोन मार्च 2021 से शुरू हुआ महिलाओं को यह विश्वास दिलाया गया कि वे बैंक से लोन ले रही हैं और उनकी वसूली की जिम्मेदारी समाज उन्नति केंद्र की है अमरेश कुमार और संजीव कुमार नामक दो व्यक्ति इस संस्था के प्रतिनिधि बताकर खुद को केनरा बैंक का एजेंट भी बताते थे वे घर-घर जाकर किस्त की राशि वसूलते और डायरी में एंट्री कराते थे महिलाओं ने समय पर सभी भुगतान किए, लेकिन अब बैंक से फोन और नोटिस आ रहे हैं कि उनका लोन बकाया है.
जब बैंक से नोटिस मिलने पर महिलाओं ने नवगछिया केनरा बैंक शाखा पहुंचकर हंगामा किया, तो इस फर्जीवाड़े की पूरी कहानी उजागर हुई बैंक में बकाया राशि 1 करोड़ 40 लाख 62 हजार 499 रुपये बताई जा रही है, जबकि महिलाओं का कहना है कि उन्होंने अपनी सारी किस्तें समय पर दी थीं और उनके पास भुगतान की डायरी व रजिस्टर का प्रमाण भी है शाखा प्रबंधक इमरान सिद्दीकी ने बताया,यह मामला वर्ष 2021 से जुड़ा है, जब शाखा प्रबंधक प्रशांत कुमार झा थे 2023 में तत्कालीन प्रबंधक विद्यापति ठाकुर ने रीजनल ऑफिस को सूचना दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई महिलाओं से कहा गया है कि वे लिखित आवेदन दें, जिसे उच्च कार्यालय भेजा जाएगा फिलहाल, अमरेश कुमार और संजीव कुमार फरार हैं इस ठगी की शिकार महिलाएं अब न्याय की मांग कर रही हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं बैंक, प्रशासन और कानून-व्यवस्था की लापरवाही ने गरीब महिलाओं को भारी आर्थिक संकट में डाल दिया है.