NEWS PR DESK- मुंगेर जहां सरकार आज हर और शिक्षा को बेहतर बनाने के लिय हर सुविधा मुहैया करवा रही है । पर इस बीच जिले के संग्रामपुर प्रखंड अंतर्गत बलिया पंचायत का प्राथमिक विद्यालय गाँधी नगर की ऐसी तस्वीरें भी सामने आई जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है यह विद्यालय । शिक्षा विभाग की नाकामी और प्रशासन की उदासीनता ने यहाँ के बच्चों के भविष्य को अधर में लटका दिया है। इस विद्यालय का हाल यह है कि।
खेतों के बीच बने इस स्कूल तक पहुँचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं, कक्षाओं में ब्लैकबोर्ड तक नहीं, बिजली की व्यवस्था नदारद, और कक्षाओं में पक्कीकरण व विद्यालय कि बाउंड्री वॉल तक नहीं है। बारिश के दिनों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं।शिक्षकों और छात्रों को कीचड़ भरे खेत में बने पगडंडी से से पैदल चलकर स्कूल पहुँचना पड़ता है, जिससे कई बार वे गिर जाते हैं और कपड़े गंदे हो जाते हैं।
यह स्थिति न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था, बल्कि मानवीय संवेदनाओं पर भी सवाल खड़े करती है।विद्यालय के प्रधानाध्यापक रजनीश रोशन ने बताया कि “मैं 2014 से यहाँ कार्यरत हूँ और तब से स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई बार हमने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को लिखित सूचना दी है, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिलता है – ‘फंड आएगा तो काम होगा’।
छात्रों ने बताया कि विद्यालय तक आने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। खेतों के बीच बरसात में चल कर आने में काफी डर लगता है। विद्यालय में फर्श भी कच्ची है , कोई सुविधा नहीं है। तो ग्रामीणों ने कहा कि य फंड की कमी 10 वर्षों तक लगातार बनी रह सकती है क्या ये सिर्फ एक बहाना बन गया है ज़िम्मेदारियों से बचने का ।
ग्रामीणों ने भी नाराजगी जाहिर की है कि बच्चों की शिक्षा के नाम पर सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, ज़मीनी हकीकत कुछ और है। कई बच्चों ने विद्यालय आना तक बंद कर दिया है। इस गंभीर मामले में संग्रामपुर के शिक्षा पदाधिकारी और मुंगेर के जिला शिक्षा पदाधिकारी की ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए। विद्यालय की इस दशा ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा की प्राथमिकता अब भी सरकार और अधिकारियों के लिए बेहद नीचे है।