हर दिन लाखों लोग भारतीय रेलवे की सेवाओं का उपयोग करते हैं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से रेलवे समय-समय पर नीतियों में बदलाव करता रहता है। अब एक नया नियम लागू करते हुए रेलवे ने लोअर बर्थ यानी निचली सीटों को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
किसे मिलेगा लोअर बर्थ का लाभ?
रेलवे ने अब लोअर बर्थ को सभी यात्रियों के लिए उपलब्ध न रखकर, तीन विशिष्ट श्रेणियों के लिए आरक्षित कर दिया है:
- सीनियर सिटीजन: 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष और 58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाएं।
- 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, विशेषकर अकेली महिलाएं।
- दिव्यांगजन, जिन्हें मान्य प्रमाणपत्र के आधार पर प्राथमिकता मिलेगी।
इन श्रेणियों में आने वाले यात्रियों को लोअर बर्थ ऑटोमैटिक सीट अलॉटमेंट सिस्टम के माध्यम से आवंटित की जाएगी, भले ही उन्होंने टिकट बुक करते समय बर्थ की प्राथमिकता न चुनी हो।
कितनी बर्थ होगी आरक्षित?
रेलवे ने श्रेणी के अनुसार अलग-अलग क्लास में कुछ लोअर बर्थ आरक्षित रखने का निर्णय लिया है:
- स्लीपर क्लास: 6–7 बर्थ
- एसी 3 टियर: 4–5 बर्थ
इस बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
रेलवे का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए ऊपरी बर्थ पर चढ़ना कठिन होता है। वहीं, 45+ उम्र की महिलाएं लोअर सीट पर ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। पहले ऐसे यात्री TTE से सीट बदलवाने की कोशिश करते थे, जिससे असुविधा होती थी। नया नियम इस समस्या को पहले से हल करने की कोशिश है।
सामान्य यात्रियों को क्या करना चाहिए?
यदि कोई यात्री उपरोक्त श्रेणियों में नहीं आता, तो उसे लोअर बर्थ पाने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी होंगी:
- टिकट जल्द बुक करें, ताकि प्राथमिकता के आधार पर बर्थ मिलने की संभावना बढ़े।
- बर्थ प्रेफरेंस में ‘लोअर’ विकल्प जरूर चुनें।
- अगर आरक्षित लोअर बर्थ बच जाए, तो सिस्टम अन्य यात्रियों को भी यह बर्थ अलॉट कर सकता है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होगी।
पात्र यात्री कैसे उठाएं लाभ?
- उम्र सही-सही दर्ज करें टिकट बुकिंग के समय।
- दिव्यांगजन प्रमाणपत्र साथ रखें।
- बर्थ प्रेफरेंस न डालने पर भी सिस्टम स्वत: लोअर बर्थ देगा।
भविष्य की दिशा: स्मार्ट रिजर्वेशन
रेलवे अपने आरक्षण सिस्टम को और स्मार्ट व संवेदनशील बनाने की दिशा में काम कर रहा है। जल्द ही QR कोड बोर्डिंग, AI आधारित सीट आवंटन और डिजिटल टिकटिंग जैसी सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी, जिससे यात्रा का अनुभव पहले से अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित होगा।
जरूरत पड़ने पर सहायता
कोई भी समस्या आने पर यात्री रेलवे हेल्पलाइन 139 या स्टेशन पर हेल्प डेस्क से संपर्क कर सकते हैं।
नया नियम न केवल सुविधा को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह यात्रियों की ज़रूरतों के प्रति रेलवे की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।