झारखंड में बनेगी बंदे भारत कोच फैक्ट्री, 300 एकड़ में शुरू होगा कम, इतने हजार लोगों को मिलेगा नौकरी

Rajan Singh

NEWS PR DESK- भारतीय रेलवे की सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच अब चेन्नई के साथ-साथ जमशेदपुर में भी तैयार किए जाएंगे। इस दिशा में कार्य की शुरुआत हो चुकी है।


भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, अब वंदे भारत एक्सप्रेस के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण झारखंड के जमशेदपुर स्थित चाकुलिया प्रखंड में किया जाएगा। बुधवार को जमशेदपुर परिसदन में बहरागोड़ा विधायक समीर कुमार महंती ने एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर व सलाहकार विष्णु गर्ग से मुलाकात कर कोच फैक्ट्री की स्थापना से जुड़ी अब तक की प्रगति की जानकारी ली।

बैठक के दौरान कंपनी प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि चाकुलिया में लगभग ₹4000 करोड़ की लागत से इस कोच निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी, जो 300 एकड़ से अधिक भूमि पर फैलेगी। विधायक समीर कुमार महंती ने परियोजना की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। कंपनी ने बताया कि फैक्ट्री के शुरू होने पर स्थानीय स्तर पर 4000 से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।


विधायक समीर महंती ने कहा कि जैसे ही यह परियोजना धरातल पर उतरेगी, यह क्षेत्रीय बेरोजगारी को कम करने के साथ-साथ औद्योगिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने इसे बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र और पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए एक ऐतिहासिक पहल करार दिया।


जमशेदपुर को मिलेगा रेल मानचित्र पर नया मुकाम
वंदे भारत कोच निर्माण की यह घोषणा देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के विस्तार और ‘मेक इन इंडिया’ को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। कोच निर्माण का ठेका एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है, जो इस औद्योगिक शहर के लिए गर्व की बात है। इस पहल से जहां स्थानीय स्तर पर नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, वहीं जमशेदपुर को भारत के रेल निर्माण मानचित्र पर एक प्रमुख पहचान भी मिलेगी।
अब जमशेदपुर में भी बनेंगे वंदे भारत के कोच, ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगी नई रफ्तार।


अब तक वंदे भारत एक्सप्रेस के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण मुख्य रूप से चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में हो रहा था। लेकिन अब, झारखंड के जमशेदपुर में यह उत्पादन शुरू होने जा रहा है, जो न केवल कोच निर्माण की क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि पूरे देश में वंदे भारत ट्रेनों के संचालन को भी गति देगा।


यह परियोजना केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस, जो अपनी उच्च गति, आराम और अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जानी जाती है, भारतीय रेलवे की नई पहचान बन चुकी है।
उद्योग और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा


इस परियोजना की जिम्मेदारी एमएस वोल्टास रेल प्राइवेट लिमिटेड को सौंपी गई है। यह कंपनी टीआरएफ लिमिटेड के अनुभव और बुनियादी ढांचे का लाभ उठाकर कोच निर्माण करेगी। 300 एकड़ से अधिक भूमि पर फैली इस इकाई में लगभग ₹4000 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। निर्माण शुरू होते ही यहां 4000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।


कंपनी कर रही है तकनीकी उन्नयन
कंपनी ने अपनी उत्पादन इकाइयों को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। अत्याधुनिक मशीनरी की स्थापना के साथ कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि वंदे भारत कोचों के निर्माण में उच्च गुणवत्ता और तकनीकी मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।


कंपनी ने आश्वासन दिया है कि वह भारतीय रेलवे के सख्त गुणवत्ता नियंत्रण नियमों का पालन करेगी और कोच निर्माण में अपने दशकों के अनुभव का उपयोग करेगी।


‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर मजबूत कदम
रेलवे अधिकारियों ने इस परियोजना को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि जमशेदपुर में कोच निर्माण की शुरुआत ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगा, आयात पर निर्भरता घटाएगा और झारखंड में औद्योगिक विकास को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में देशभर में 400 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएं। ऐसे में जमशेदपुर की यह फैक्ट्री इस मिशन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।
स्थानीय स्तर पर उत्साह का माहौल


इस परियोजना की घोषणा के बाद जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में उत्साह का माहौल है। उद्योगों और स्थानीय युवाओं को इससे रोज़गार और समृद्धि की नई उम्मीद दिखाई दे रही है। जल्द ही जमशेदपुर की धरती पर बने वंदे भारत के हाईटेक कोच देश की पटरियों पर दौड़ते नजर आएंगे, जो भारत की विकासगाथा को नई दिशा देंगे।

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