पटना बना जल नगरी, 36 घंटे की बारिश ने किया शहर को पंगु, ट्रेनें ठप, सिस्टम फेल

Jyoti Sinha

राजधानी पटना में पिछले डेढ़ दिन से जारी झमाझम बारिश ने शहर की कमर तोड़ दी है। लगातार 36 घंटे की तेज बारिश ने पटना की पहचान ही बदल दी — सड़कों की जगह जलमार्ग बन गए हैं, मोहल्ले तालाब में तब्दील हो गए हैं और पटना जंक्शन जैसी भीड़भाड़ वाली जगहें वीरान जलधरों की तस्वीर पेश कर रही हैं।

पटना जंक्शन से लेकर डाकबंगला तक ‘जल संकट’

जहां एक ओर पटना जंक्शन प्लेटफॉर्मों पर दो फीट तक पानी में डूबा रहा, वहीं डाकबंगला चौराहा चार फीट गहरे पानी में कैद हो गया। कंकड़बाग, राजेंद्र नगर, गांधी मैदान और पटना सिटी जैसे इलाके भी जलजमाव से कराह उठे। हालात इतने खराब हैं कि न सड़क दिखाई दे रही है, न राहत की कोई सूरत।

रेलवे ट्रैकों पर पानी, ट्रेनें ठहर गईं

सोमवार सुबह से ही पटना जंक्शन का इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम शॉर्ट सर्किट के कारण बंद हो गया। करीब 9 घंटे तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप रहा। तेजस, संपूर्ण क्रांति, श्रमजीवी और मगध जैसी प्रमुख ट्रेनों को मैन्युअली प्लेटफॉर्म पर लाया गया। राजरानी एक्सप्रेस को पटना के बजाय राजेंद्र नगर टर्मिनल से रवाना करना पड़ा।

यात्री बेहाल, 20,000 से ज्यादा लोग फंसे

सुबह 5 बजे से दोपहर 2 बजे तक आने वाली अधिकांश ट्रेनें या तो रद्द की गईं या भारी विलंब से चलीं। हजारों यात्री घंटों प्लेटफॉर्मों पर भीगते, भूखे और थक हारकर इंतजार करते रहे। छत से टपकता पानी, चारों ओर कीचड़ और कोई मदद नहीं—ये हाल किसी त्रासदी से कम नहीं था।

बुडको और नगर निगम की पोल खुली

पटना नगर निगम और बुडको द्वारा जलनिकासी के लिए किए गए दावों की सच्चाई पानी में बह गई। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम और 16 सीसीटीवी कैमरे, जो शहर की निगरानी के लिए लगाए गए थे, ज़रूरत के वक्त खामोश पाए गए। पंपिंग सिस्टम भी बुरी तरह फेल रहा—कहीं पंप लगाए ही नहीं गए और जहां लगे, वहां समय पर चालू नहीं हुए।

विशेषज्ञों ने बताया लापरवाही का नतीजा

भवन निर्माण निगम के पूर्व इंजीनियर महेंद्र प्रसाद का कहना है कि यह आपदा अचानक नहीं आई, बल्कि वर्षों से जारी लापरवाही और गैर-पेशेवर प्रबंधन का परिणाम है। अधूरी नाला सफाई, सड़क किनारे बिखरा निर्माण मलबा और जलनिकासी तंत्र की अनदेखी ने हालात को और बदतर बना दिया।

मौसम विभाग ने फिर दी चेतावनी

मौसम विभाग ने पटना समेत 15 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अगले 48 घंटे और भी भारी पड़ सकते हैं। कई ज़िलों में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा और आकाशीय बिजली की संभावना जताई गई है। वहीं बारिश के बाद शहर का तापमान चार डिग्री तक गिर गया है, जिससे मौसम और भी सर्द और असहज हो गया है।

सड़कों से आसमान तक प्रभावित हुआ ट्रैफिक

रेल सेवाओं के साथ-साथ हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है। नालंदा में बिहार शरीफ-रांची रोड जैसे कई प्रमुख मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिससे आवागमन बंद है।

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