स्वतंत्रता दिवस पर बिहार के विकास की गाथा और भविष्य का संकल्प- सीएम नीतीश

Jyoti Sinha

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। सीएम नीतीश ने इस मौके पर कहा कि आज के दिन हम इन सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं, जिन्होंने आजादी में अपना योगदान दिया है। हम उनके आदर्श पर चलकर गौरवान्वित महसूस करते हैं।उन बहादूर सैनिकों के बलिदान को भी भूलाया नहीं जा सकता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति दी है।

देश की सीमा पर तैनात देश की रक्षा करने वाले भारतीय सेना का भी हम अभिनंदन करते हैं। इतिहास गवाह है कि स्वतंत्रता में बिहार के लोगों ने जो भूमिका निभायी, उसे भी भुलाया नहीं जा सकता है। बिहार के लोगों ने देश के विकास में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है।

24 नवंबर, 2005 में हमारी सरकर बनी तो सबसे पहले कानून व्यवस्था ठीक किया गया। कानून को बनाए रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। विधि व्यवस्था को ठीक रखने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया गया है। पहले बिहार में मात्र 42 हजार 481 पुलिस बल की संख्या थी, जो जनसंख्या के अनुसार बहुत कम थी। इसलिए शुरु से ही पुलिस बल की संख्या को बढ़ाने के लिए काम किया गया, अब राज्य में 1 लाख 10 हजार पुलिस बल की संख्या हो गई है। वर्ष 2023 में इसे और बढ़ाकर 2 लाख 29 हजार करने के लिए तय किया गया है और इस पर काम शुरु कर दिया गया है। वर्ष 2005 की तुलना में हत्या, लूट फिरौती, अपहरण की घटनाओं में कमी आयी है। किसी प्रकार का भय नहीं है, लोग देर रात तक बाजार में घूम रहे हैं। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में ध्यान दिया गया। हमारी सरकार बनी तो बिहार में बहुत कम स्कूल था, शिक्षकों की कमी थी। जिससे पढ़ाई ठीक से नहीं होती थी। फिर नियोजित शिक्षकों की बहाली शुरु की गई। बच्चे-बच्चियों के लिए पोशाक, साईकिल योजना शुरु की गई। सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक स्कूल खोले गए।

इंटर पास लड़कियों को 25 हजार और स्नातक पास होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जाती है। अब पढ़ने वाले बच्चे-बच्चियों की संख्या बराबर हो गई है।बी0पी0एस0सी0 से 2 लाख 58 हजार शिक्षकों की बहाली की गई। 3 लाख 68 हजार शिक्षक बी0पी0एस0सी0 में शामिल हुए और सरकारी शिक्षक हो गए। अब 3 लाख 39 हजार शिक्षक हो गए हैं और शेष नियोजित शिक्षक हैं। अब बी0पी0एस0सी0 परीक्षा में आने की जरुरत नहीं है, मामूली परीक्षा लेकर शिक्षक बनाए जाएंगे। दो परीक्षाओं का आयोजन हुआ 2 लाख 54 हजार नियोजित शिक्षक पास हुए। अगला दो बार परीक्षा और लिया जाना है। अब बिहार में कुल शिक्षकों की संख्या 5 लाख 12 हजार हो गई है।स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक हो गई है। पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 39 मरीज ही माह में पहुंच पाते थे। मरीजों के लिए वर्ष 2006 से मुफ्त इलाज और दवा की व्यवस्था की है। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 11 हजार 600 मरीज आते हैं। 6 मेडिकल कॉलेज पहले से थे। उसके बाद हमलोगों ने मेडिकल कॉलेज खोला जो अब 12 हो गया है जबकि 21 जिलों में मेडिकल बनाया जाना है। सात जिलों में और भी मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। पी0एम0सी0एच0 को 5 हजार 400 बेडों और अन्य अस्पतालों को 2500 बेडों का बनाया जा रहा है।

पहले के पांच अस्पतालों को ठीक कर ढाई हजार बेड का बनाया जा रहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 में 3 हजार बेड का बनाया जा रहा है। राज्य में स़ड़क, पुल, पुलियों का निर्माण कराया गया है। 2016 में 6 घंटे में राजधानी पहुंच जाते थे लेकिन अब 5 घंटे के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। वर्ष 2015 में सात निश्चय के तहत अनेक काम किया गया है। हर घर बिजली, हर घर नल का जल, पक्की सड़कों को बसावटों से जोड़ा गया। जिनका घर टूट गया है उनका भी घर बनाया जा रहा है। सात निश्चय-2 के तहत जो काम हैं उस पर भी काम हो रहा है। हमारी सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार और नौकरी दी जा रही है। 8 लाख नौकरी दी गई है। 10 लाख नौकरी, 10 रोजगार पूरा हुआ तो इसको और 12 लाख तक पहुंचाया जाएगा। पहले रोजगार 10 लाख था अब 39 लाख हो चुका है। इसके बाद 10 लाख रोजगार पूरा करने के बाद 50 लाख से अधिक नौकरी और रोजगार हो जाएगा।वर्ष 2020 में तय हुआ था कि 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार दिय़ा जाएगा। इसके अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देना तय किया गया है। महिला सशक्तीकरण के लिए बहुत काम किया गया।

पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों में 50 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण दिया गया। 2023 में पुलिस में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देकर उनकी संख्या अब इतनी हो गई है कि देश में सबसे अधिक बिहार में महिला पुलिस बल की संख्या है। वर्ष 2016 में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया गया। स्वयं सहायता समूह देशभर में था। हमने बिहार में देखा वर्ष 2006 में कि इसकी संख्या कम थी विश्व स्वास्थ्य संगठन से सहायता लेकर ‘जीविका’ शुरु की जिनकी 11 लाख संख्या, हो गई है जबकि दीदियों की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है। शहरी क्षेत्रों में भी इसका गठन हुआ है, जो 37 हजार तक पहुंच गई है। पहले हिंदू-मुस्लिम में कितना झगड़ा होता था। हमलोगों ने वर्ष 2006 में कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरु की। वर्ष 2016 में 60 वर्ष से पुराने मंदिरों की घेराबंदी शुरु करायी। हमारी सरकार ने हर वर्ग के लिए और हर क्षेत्र में काम किया है।मुस्लिम समुदाय के लिए भी हमने काम किया। मदरसों के लिए काम किया उन शिक्षकों को भी वेतन सरकार देती है। वर्ष 2023 में जाति आधारित गणना करायी तो लोगों के आर्थिक स्तर की जानकारी प्राप्त हुई। आर्थिक रुप से कमजोर 94 लाख परिवार पाए गए। उनको 2 लाख की दर से रोजगार के लिए सहायता देना शुरु किया गया है। पांच साल में इसको पूरा किया जाएगा। पूरे परिवार को सहायता दी जाएगी, जिनकी गरीबी को समाप्त करने के लिए ऊच स्तरीय समिति के माध्यम से पूरा कर लिया जाएगा।वर्ष 2005 में प्रगति यात्रा के दौरान सभी जिलों में विकास कार्यों को हमने जाकर देखा।

इस दौरान कुल 430 योजनाओं की स्वीकृति हुई। हर जिले के लिए काम किया जा रहा है। 50 हजार करोड़ की लागत से इन योजनाओं पर काम किया जा रहा है। गांवों में शादी समारोह आयोजन के लिए सरकार सभी पंचायतों में विवाह भवन बनाएगी जिस पर 4 हजार 26 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। जीविका दीदी के ब्याज दर को 10 से घटाकर 7 कर दी गई है। जीविका दीदी की राशि दोगुनी कर दी गई है। प्रखंड स्तर तक दीदी की रसोई शुरु होगी, जो 40 रुपए थी उसे अब 20 रुपए कर दी गई है।2018 में सस्ती दर पर बिजली दी जाती थी। सबी को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है। सरकार की तरफ से जो चाहेंगे उनके घरों पर सोलर लगाए जाएंगे। इससे सभी को बहुत फायदा होगी। अब फ्री में इसको लगाया जाएगा। प्रतियोगिता परीक्षाओं के शुल्क को घटाकर 100 रुपये किया जाएगा और मुख्य परीक्षा को निःशुल्क की जाएगी। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए, अधिक रोजगार प्रदान करने वाले उद्योगों को मुफ्त जमीन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रवासी बिहारियों की सुविधा के लिए बड़ी संख्या में बसें चलाने और केंद्र सरकार से अधिक विमान संचालन का आग्रह करने की जाएगी। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बिहार की मदद के लिए बधाई देता हूं। खुशहाल बिहार बनाने के लिए सभी को शुभकामनाएं देता हूं।

रोजगार के क्षेत्र में, 2020 में 10 लाख नौकरियों और 10 लाख रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य रखा गया था, जो धीरे-धीरे बढ़कर 12 लाख तक पहुंच गया है। इस बार 39 लाख रोजगार सृजित किए गए, जिससे कुल मिलाकर 50 लाख से अधिक नौकरियां और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरियां और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. महिला सशक्तीकरण के लिए, 2006 में पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया और 2016 में सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण प्रदान किया गया। स्वास्थ्य व्यवस्था में किए गए। पहले बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं बहुत खराब थी, जहां अस्पतालों में प्रतिदिन केवल एक या दो मरीज आते थे। हमारी सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप अब हर महीने अस्पतालों में 11,600 मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं. वर्तमान में राज्य में 12 मेडिकल कॉलेज हैं और बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा, आई0जी0आई0एम0एस0 में 3,000 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है।2005 में नई सरकार बनने के बाद 28 हजार करोड़ था। 2006 में 37 हजार करोड़ हुआ हम हर साल बढ़ाते गए और अब 3 लाख 16 हजार करोड़ रुरया से अधिक हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार ने कितना काम किया है। बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के लिए बड़ी राशि देने की घोषणा की गई।2018 से केंद्र सरकार द्वारा खेलो इंडिया का आयोजन किया गया। 2025 में बिहार को दायित्व मिला। खेलों का आयोजन बहुत अच्छे ढंग से किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने बहुत अच्छा काम किया और जाति आधारित गणना करायी जा रही है। मोदी जी को धन्यवाद देते हैं कि आपका सहयोग मिलता रहता है।सरकार की कामना है कि समाज में भाईचारा का माहौल कायम रहे। सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। आइये, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को विकसित राज्य बनाने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे।जय हिन्द,जय हिन्ज,जय हिन्द।

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