दो साल से अटकी फोरलेन परियोजना पर नई डीपीआर से मिलेगी रफ्तार

Jyoti Sinha

भागलपुर-भलजोर (हंसडीहा) फोरलेन सड़क परियोजना एक बार फिर अटक गई है। जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण पिछले दो साल से लटकी इस परियोजना का टेंडर अब रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार अब संशोधित डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाएगी और मंजूरी मिलने के बाद ही नई निविदा जारी होगी।

सड़क की चौड़ाई घटाई जाएगी

पहले जहां सड़क की चौड़ाई 60-65 मीटर तय थी, अब इसे घटाकर 55-60 मीटर कर दिया जाएगा। साथ ही सर्विस लेन की चौड़ाई भी पहले के सात मीटर से घटाकर 5.5 मीटर ही बनाई जाएगी। इसके चलते न केवल निर्माण लागत घटेगी बल्कि कम जमीन अधिग्रहण करना पड़ेगा। अनुमान है कि इस संशोधन से 25-30 करोड़ रुपये की बचत होगी।

जमीन अधिग्रहण की लागत भी कम

नई डीपीआर के मुताबिक, जलजमाव से बचाव के लिए बनाए जाने वाले ड्रेनेज की चौड़ाई भी घटा दी गई है। इससे जमीन अधिग्रहण की ज़रूरत कम होगी और 105 करोड़ रुपये के बजाय लगभग 80-85 करोड़ रुपये ही खर्च करने पड़ेंगे।

किन-किन जगहों पर बदलाव

पहले चरण में अलीगंज बाईपास थाना से ढाकामोड़ तक बनने वाली फोरलेन सड़क में हाट पुरैनी, सांझा, रजौन और पुनसिया के पास सर्विस रोड की चौड़ाई कम की जाएगी ताकि लोगों के घर न टूटें और जमीन अधिग्रहण की समस्या न हो।
जिन इलाकों में जमीन ली जानी थी उनमें—सांझा का सरकारी रास्ता, बांध आगियाचक का भैरव स्थान, टेकानी का खंता, धौनी की नदी-नाला, कटियामा के दुकान व रास्ते, बखडाबेला का बांध और रजौन के मकान-झोपड़ी शामिल थे। कुल मिलाकर 10.02 एकड़ जमीन अधिग्रहण होना था।

लागत में 60-70 करोड़ की कटौती

2022 की डीपीआर के अनुसार भागलपुर से ढाकामोड़ तक बनने वाली इस सड़क की अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब चौड़ाई घटने और कम जमीन अधिग्रहण की वजह से निर्माण लागत में 60-70 करोड़ रुपये की कमी आने की संभावना है।

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