इस बार का दशहरा मेला महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आ रहा है। बिहार महिला उद्योग संघ के तत्वावधान में आयोजित इस मेले का शुभारंभ राज्यसभा सांसद संजय झा करेंगे। आयोजन समिति ने बताया कि इसमें न केवल बिहार के सभी 38 जिलों से महिला उद्यमी शामिल होंगी, बल्कि देशभर के विभिन्न राज्यों से भी महिलाएं अपने उत्पाद लेकर पहुंचेंगी।
देशभर की कला और हुनर का संगम
मेले में उत्तर प्रदेश की चिकनकारी कढ़ाई, जयपुर की बांधनी साड़ियां-दुपट्टे, महाराष्ट्र की हस्तनिर्मित कुर्तियां व बैग, दिल्ली की ज्वेलरी, कोलकाता के हैंडमेड कॉटन के कपड़े और कश्मीर की पारंपरिक शिल्पकला मुख्य आकर्षण होंगे।
225 से ज्यादा स्टॉल, छोटे उद्यमियों को निःशुल्क मौका
इस बार 225 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें से 20 स्टॉल छोटे उद्यमियों को निःशुल्क दिए जाएंगे। यह मेला एमएसएमई मान्यता प्राप्त है और इसमें नाबार्ड, उद्योग विभाग, डब्लूसीडीसी, वस्त्र एवं हस्तशिल्प मंत्रालय समेत कई सरकारी-गैर सरकारी संस्थाएं सहयोग कर रही हैं।
यहां पर सिल्क, सत्तू, अचार, पापड़, टिकुली और सिक्की आर्ट, साथ ही थ्री-डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स जैसे पारंपरिक से आधुनिक उत्पाद एक ही जगह उपलब्ध होंगे।
‘नवदुर्गा’ से जोड़कर सम्मान
मेले में 6 सितंबर को विशेष रैंपवॉक होगा, जिसमें महिला उद्यमियों को ‘नवदुर्गा’ के नौ रूपों से जोड़कर सम्मानित किया जाएगा। आयोजकों का अनुमान है कि इस आयोजन में लगभग 5 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है।
यह मेला न केवल महिला उद्यमियों को बाजार से जोड़ने का अवसर देगा बल्कि उनके हुनर को राष्ट्रीय पहचान और आत्मनिर्भरता की राह भी दिखाएगा।