बिहार को 5 एक्सप्रेसवे की सौगात, 2027 तक बदलेगा सफर का नक्शा

Jyoti Sinha

बिहार में पांच बड़े एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। इनके बनने से प्रदेश में आवाजाही आसान होगी और विकास की रफ्तार को नया आयाम मिलेगा। खास बात यह है कि इन सभी परियोजनाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की ओर से बिहार के लिए बड़ी सौगात माना जा रहा है।

पांचों एक्सप्रेसवे का खाका
करीब 1626 किलोमीटर लंबाई वाले इन एक्सप्रेसवे को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। प्रस्तावित मार्गों में पटना–पूर्णिया, रक्सौल–हल्दिया, गोरखपुर–सिलीगुड़ी, बक्सर–भागलपुर और वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे शामिल हैं।

लंबाई और लागत का ब्योरा

  • पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे: 245 किमी, लागत ₹28,415 करोड़
  • रक्सौल–हल्दिया एक्सप्रेसवे: 407 किमी, लागत ₹26,407 करोड़
  • गोरखपुर–सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे: 417 किमी, लागत ₹29,724 करोड़
  • बक्सर–भागलपुर एक्सप्रेसवे: 380 किमी, लागत ₹22,800 करोड़
  • वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे: 177.37 किमी, लागत ₹11,206.4 करोड़

इनमें से पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे राज्य का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा जो पूरी तरह बिहार की सीमाओं के भीतर बनाया जाएगा।

यात्रा समय में बड़ी कमी
फिलहाल पटना से पूर्णिया पहुंचने में सात से आठ घंटे लगते हैं, लेकिन नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी महज तीन घंटे में तय की जा सकेगी। रक्सौल–हल्दिया एक्सप्रेसवे सीधे रक्सौल लैंड पोर्ट से हल्दिया पोर्ट तक कनेक्टिविटी देगा। पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे 10 जिलों से होकर गुजरेगा। वहीं, बक्सर–भागलपुर एक्सप्रेसवे बक्सर, भोजपुर, पटना, मुंगेर और भागलपुर जिलों से होकर निकलेगा। इसके बनने से बक्सर से भागलपुर की दूरी भी केवल तीन से चार घंटे में पूरी हो जाएगी।

सरकार का दावा है कि इन प्रोजेक्ट्स से राज्य में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और बिहार का कनेक्टिविटी नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों से और मजबूत होगा।

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