भारत में कहानी कहने की एक समृद्ध परंपरा रही है हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी है…

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DELHI – कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है। आज, जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है, तो इसी संकट काल ने परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है.


भारत में कहानी कहने की एक समृद्ध परंपरा रही है हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी है, जहां कहानियां में पशु-पक्षियों और परियों की काल्पनिक दुनिया गढ़ी गई,ताकि विवेक और बुद्धिमता की बातों का आसानी से समझाया जा सके.


देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आज़ाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
हमारे यहां कहा जाता है, जो ज़मीन से जितना जुड़ा होता है वो बड़े-से-बड़े तूफानों में भी उतना ही अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है.


कल, 28 सितंबर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनायेंगे। मैं समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद भगतसिंह को नमन करता हूं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
आज गांव के किसान स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती से ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। इसी गांव के 60 से अधिक किसान नेट हाउस बनाकर, टमाटर,खीरा,शिमला मिर्च, इसकी अलग-अलग वैराइटी का उत्पादन करके हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रुपए तक की कमाई कर रहें.

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