बिहार की राजनीति में सीमांचल अब तक उपेक्षा और पिछड़ेपन की कहानी रहा है। मगर इस बार तस्वीर बदलती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को पूर्णिया पहुंचेंगे और यहां से पूरे सीमांचल क्षेत्र को 36 हज़ार करोड़ रुपये की योजनाओं का तोहफ़ा देंगे। इसे महज़ उद्घाटन और शिलान्यास नहीं, बल्कि आने वाले चुनावों के लिए एक सियासी रणनीति भी माना जा रहा है।पीएम मोदी का कार्यक्रमदोपहर 2:20 बजे पीएम मोदी इंडियन एयर फ़ोर्स के बीबीजे विमान से पूर्णिया एयरपोर्ट पर उतरेंगे।यहां वे 46 करोड़ की लागत से बने पोर्टा केबिन टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे।3:15 बजे हेलिकॉप्टर से सिकंदरपुर जाएंगे और 4:45 बजे तक कई परियोजनाओं की नींव रखेंगे और उद्घाटन करेंगे।इसके बाद वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, जहां से विपक्ष पर सीधा हमला करने की संभावना है।शाम 5:20 बजे उनका काफ़िला दिल्ली के लिए रवाना होगा।
कौन-कौन सी योजनाएँ?
पूर्णिया से जिस विकास पैकेज की घोषणा होगी, उसमें एयरपोर्ट, नई रेल लाइनें, बिजली परियोजनाएं, एक्सप्रेस-वे और मखाना बोर्ड जैसी योजनाएँ शामिल हैं। लंबे समय से पिछड़े माने जाने वाले कटिहार, अररिया, किशनगंज और मधेपुरा जैसे जिलों के लिए इसे ऐतिहासिक तोहफ़ा माना जा रहा है।सुरक्षा के कड़े इंतज़ामपीएम के आगमन से पहले पूरा पूर्णिया सुरक्षा घेरे में तब्दील हो गया है। 6 हज़ार से अधिक पुलिस बल और मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। हर रास्ते और चौराहे पर निगरानी रखी जा रही है। एनएच पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है और ट्रैफ़िक का नया पैटर्न लागू किया गया है।
सियासी संदेश भी
यह दौरा केवल विकास योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है। लंबे समय से सीमांचल को नज़रअंदाज़ करने की जो धारणा रही है, मोदी का यह दौरा उसे तोड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। उनके भाषण में विकास कार्यों की झलक के साथ-साथ विपक्ष पर तीखे हमले और मतदाताओं को सीधा संदेश मिलने की उम्मीद है।
लोगों की उम्मीदें बड़ी-
पूर्णिया और आसपास के जिलों से हज़ारों लोग इस जनसभा में पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं। आम लोगों की अपेक्षा सड़क, बिजली, रोज़गार और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से जुड़ी है। अगर ये योजनाएँ समय पर लागू हो जाती हैं तो सीमांचल का चेहरा वाक़ई बदल सकता है।