जमीन मालिकों को बड़ी राहत, बिना पुराने कागजात भी होगा सर्वे

Jyoti Sinha

बिहार में जहां राजस्व महाअभियान के तहत जमाबंदी सुधार की प्रक्रिया जारी है, वहीं विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इस दौरान हजारों जमीन मालिकों के सामने एक बड़ी समस्या सामने आई—उनके पास पुराने कागजात जैसे केवाला, खतियान या दाखिल-खारिज से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे। इस कारण लोग संशय में थे कि कहीं उनकी जमीनें सर्वे प्रक्रिया से बाहर न रह जाएं।

सरकार का स्पष्ट निर्देश
नीतीश सरकार ने अब इस उलझन को दूर कर दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन जमीन मालिकों के पास पुराने कागजात नहीं हैं, वे भी सर्वे से बाहर नहीं होंगे। इसके लिए जमीन मालिकों को एक स्वघोषणा पत्र जमा करना होगा, जिसमें खाता नंबर, खेसरा, रकबा और मालिकाना हक की जानकारी भरनी होगी। इस आधार पर आवेदन मान्य होगा और जमीन का सर्वे कर लिया जाएगा।

दस्तावेज न होने पर भी होगा सर्वे
अगर किसी व्यक्ति के खतियान, दाखिल-खारिज, रसीद, वंशावली या अन्य जरूरी कागजात खो गए हैं, फट गए हैं या उपलब्ध नहीं हैं, तो भी उन्हें भू-सर्वेक्षण प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जाएगा। ऐसे सभी रैयतदार अपनी जमीन का सर्वे करवा सकेंगे।

15 वैकल्पिक दस्तावेज होंगे मान्य
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि जमीन मालिकों की सुविधा के लिए 15 तरह के वैकल्पिक दस्तावेज मान्य किए जाएंगे। हालांकि इन दस्तावेजों की पूरी सूची अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। इस फैसले से हजारों ऐसे परिवारों को राहत मिलेगी, जो अब तक दस्तावेजों के अभाव में परेशान थे। अब बिना पुराने कागजात के भी वे अपनी जमीन का रिकॉर्ड दुरुस्त करा सकेंगे।

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